Last Updated: Wednesday, June 27, 2012, 16:30
नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया है कि अफजल गुरू समेत मौत की सजा की कतार में खड़े दोषियों की दया याचिका से जुड़ी फाइल नोटिंग और सामग्री सार्वजनिक की जाए, जिनके आधार पर उसने राष्ट्रपति को सलाह दी।
केंद्रीय सूचना आयोग ने माना कि कैबिनेट द्वारा राष्ट्रपति को दी गयी सलाह को संविधान के अनुच्छेद 74 के तहत सार्वजनिक किये जाने से छूट प्राप्त है लेकिन आयोग ने स्पष्ट किया कि इस सलाह का आधार बन रही सामग्री को इस तरह की छूट प्राप्त नहीं है।
सूचना आयुक्त सुषमा सिंह ने कहा, ‘आयोग ने गृह मंत्रालय के सीपीआईओ को निर्देश दिया है कि अपीलकर्ता द्वारा मांगी गयीं उन फाइल नोटिंग की प्रतियां सार्वजनिक की जाएं जो राष्ट्रपति को दी गयी मंत्री की सलाह का हिस्सा नहीं हैं।’ सुषमा ने आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए मंत्रालय को यह निर्देश भी दिया कि गृह मंत्रालय द्वारा दया याचिकाओं के संबंध में राष्ट्रपति के सचिवालय को भेजे गये संदेशों की प्रतियां सार्वजनिक की जाएं। उन दस्तावेजों को छोड़ दिया जाए जिन्हें आरटीआई कानून के राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रावधान के तहत छूट प्राप्त है।
उन्होंने अपने आदेश में कहा, ‘दया याचिकाओं से जुड़े फाइल नोटिंग और संदेश उस सामग्री को झलकाते हैं जिनके आधार पर गृह मंत्रालय ने भारत के राष्ट्रपति को सलाह दी और सिफारिश की। इस तरह से यह उस सूचना के तहत आती है जिसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 74:2 के तहत छूट नहीं है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 27, 2012, 16:30