दया याचिका: फैसलों का ब्योरा तलब - Zee News हिंदी

दया याचिका: फैसलों का ब्योरा तलब

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से वर्ष 2011 में दया याचिकाओं पर राष्ट्रपति द्वारा लिए गए फैसलों का ब्योरा तलब किया और यह भी जानना चाहा कि ऐसी और कितनी याचिकाएं फैसले के लिए लम्बित हैं। न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति एस.जे. मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने मृत्युदंड की सजा पर पेश दया याचिकाओं से सम्बंधित फाइलों के अवलोकन के बाद यह आदेश जारी किया।

 

कोर्ट ने यह निर्देश तब दिया जब दया याचिका दायर करने वाले एक दोषी ने इस आधार पर मृत्युदंड से मुक्ति की अपील की कि उसकी दया याचिका पर फैसले में काफी लिवम्ब हो रहा है। कोर्ट ने आतंकवाद के दोषी देवेंदर पाल सिंह भुल्लर की याचिका पर सुनवाई से पहले दया याचिकाओं पर हुए फैसलों का ब्योरा तलब किया है। भुल्लर ने अपनी दया याचिका को राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है।
भुल्लर वर्ष 1993 में युवक कांग्रेस कार्यालय पर हुए बम विस्फोट मामले में दोषी है और उसे फांसी की सजा मिली हुई है। भुल्लर ने 14 जनवरी 2003 को दया याचिका दायर की थी जिसे राष्ट्रपति ने 25 मई 2011 को खारिज कर दिया।

 

सुप्रीम कोर्ट ने गत मंगलवार को हुई सुनवाई में सरकार से राष्ट्रपति के समक्ष लम्बित 18 दया याचिकाओं का ब्योरा पेश करने के लिए कहा था। इनमें वर्ष 2001 में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की दया याचिका भी शामिल है। इससे पहले न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी एवं न्यायमूर्ति एस.जे. मुखोपाध्याय ने न्यायमित्र राम जेठमलानी एवं वरिष्ठ वकील के.टी.एस. तुलसी की दलीलें सुनने के बाद दया याचिकाओं के अवलोकन के लिए उन्हें अपने समक्ष पेश करने के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता हरीन रावल को निर्देश दिए थे।

 

जेठमलानी एवं तुलसी ने कोर्ट से कहा था कि उसे स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को नोटिस भेजना चाहिए और उससे दया याचिकाओं के निपटारे में हुए विलम्ब के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए कहना चाहिए। कोर्ट ने दोनों वकीलों से कहा था कि वह दया याचिकाओं के ब्योरों का अवलोकन करेगा और दया याचिकाओं के निपटारे में हुए विलम्ब के कारणों से संतुष्ट न होने की दशा में वह सरकार को नोटिस जारी करेगा। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, April 11, 2012, 14:18

comments powered by Disqus