दरअसल, मैं संसद नहीं आना चाहता: पवार

दरअसल, मैं संसद नहीं आना चाहता: पवार

दरअसल, मैं संसद नहीं आना चाहता: पवारनई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि बतौर सांसद एवं विधायक 46 साल पूरा करने के बाद वह चुनावी राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं।

हालांकि वह पार्टी प्रमुख बने ही रहना चाहते हैं और उनकी अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने की भी कोई योजना नहीं है।

पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि दरअसल, मैं संसद नहीं आना चाहता। इसका ऐसा कोई बड़ा कारण नहीं है लेकिन मैंने इस साल संसद एवं महाराष्ट्र विधानसभा में लगातार 46 साल पूरे किए हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब महज एक दिन पहले राकांपा प्रवक्ता डी पी त्रिपाठी ने यह कहते हुए अगले प्रधानमंत्री के रूप में उनके नाम की वकालत की थी कि पूरा देश सोचता है कि शरद पवार प्रधानमंत्री पद के काबिल हैं।

पवार ने कहा कि नये लोगों को संसद में भेजना अच्छा रहेगा। मैं पार्टी का प्रमुख बना रहूंगा। मैं पार्टी के लिए काम करता रहूंगा लेकिन संसदीय राजनीति या सरकारी राजनीति से दूर रहना चाहता हूं। मैं नहीं जानता कि कल क्या होगा, यह मेरी निजी राय है।

पवार ने अपने उत्तराधिकारी के बारे में सवाल को भी नजरअंदाज करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यह पार्टी तय करेगी। प्रफुल (केंद्रीय मंत्री प्रफुल पटेल) जिम्मेदारी ले सकते हैं। हमारी पार्टी में दूसरे अच्छे लोग भी हैं। एक समय उन्होंने यह भी कहा कि यह अजीत पवार या सुप्रिया, प्रफुल पटेल या आर आर पाटिल, जयंत पाटिल का सवाल नहीं है, हमारे याहं कई योग्य लोग हैं। सुप्रिया को केवल लोकसभा में दिलचस्पी है। अजीत एवं अन्य को राज्य की राजनीति में रूचित है।उन्होंने कहा कि पाटी यह तय करेगी कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की अगुवाई कौन करेगा और उसकी महाराष्ट्र इकाई का अगुवा कौन होगा। (एजेंसी)

First Published: Thursday, January 31, 2013, 22:47

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