Last Updated: Sunday, May 5, 2013, 20:19

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में चलती बस में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले की सुनवाई लगभग 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी है और अदालत का फैसला मई के आखिर तक आ जाने की उम्मीद है। दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने यह जानकारी दी। एक टीवी टॉक शो में नीरज कुमार ने कहा, `16 दिसंबर 2012 को हुए दुष्कर्म मामले की सुनवाई कुल मिलाकर 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी है और इसका फैसला मई के आखिर तक आने की उम्मीद है।`
पिछले वर्ष 16 दिसंबर को चलती बस में छह लोगों ने 23 वर्ष की एक युवती के साथ सामूहिक रूप से दुष्कर्म किया था और विरोध करने पर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया था। घायल युवती की 13 दिन बाद सिंगापुर के एलीजाबेथ अस्पताल में मौत हो गई। इस वारदात में युवती के पुरुष मित्र पर भी हमला किया गया था और वह भी जख्मी हुआ था। एक साक्षात्कार के दौरान उसने मामले में पुलिस की निष्क्रियता की आलोचना की थी।
पुलिस आयुक्त ने दिल्ली में ही अप्रैल महीने में दुष्कर्म पीड़ित पांच वर्ष की बच्ची के परिजनों को मामले पर चुप्पी साधने के लिए 2000 रुपये की रिश्वत दिए जाने के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा, `महिला हेल्प डेस्क द्वारा तत्परता से एक रिपोर्ट दर्ज कराई गई जिसके बाद मामला दायर हुआ। मैं स्वीकार करता हूं कि बाद की कार्रवाई संतोषप्रद नहीं हुई जिसके लिए एसएचओ और मामले के आईओ को निलंबित किया गया।`
उन्होंने कहा कि मामले को छिपाने का सवाल ही पैदा नहीं होता, क्योंकि घटना के बारे में एनजीओ को सूचित किया गया था और मीडिया के लोग भी वहां मौजूद थे। दुष्कर्मियों को मौत की सजा पर नीरज कुमार ने कहा, `कई अपराधियों को हत्या और आतंकवाद के आरोप में फांसी दी जा चुकी है, लेकिन क्या इससे ऐसे अपराध रुके हैं? कानून अपराधी को सजा देता है, लेकिन यदि हम यह मानना शुरू कर दें कि इससे अपराध रुक जाएगा, उचित नहीं होगा।` (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 5, 2013, 20:19