Last Updated: Tuesday, December 18, 2012, 14:28

नई दिल्ली: दिल्ली में 23 साल की एक लड़की के साथ रविवार रात चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म का मामला मंगलवार को लोकसभा में भी गूंजा। सदस्यों ने इस पर नाराजगी और कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से बयान देने की मांग की, क्योंकि दिल्ली में कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का बयान कि महिलाओं को रात में अकेले बाहर निकलने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए, जो कि काफी नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री को इस मामले में बयान देना चाहिए। इस मामले के दोषियों को फांसी दी जानी चाहिए।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सुषमा से सहमति जताते हुए इसे `शर्मनाक और दहला देने वाली घटना` बताया। उन्होंने सरकार से इस मामले में सख्त कदम उठाने की अपील की।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि हम इस मामले में सदन की चिंता से सहमत हैं। इस मामले में कड़े कदम उठाए जाएंगे।
कांग्रेस नेता गिरिजा व्यास ने सदन से महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न पर विधेयक पारित करने की अपील करते हुए कहा कि राज्यों को बलात्कार के मामलों से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें बनानी चाहिए। (एजेंसी)
व्यास ने कहा, "मैं नहीं जानती कि इस घटना पर कैसे प्रतिक्रिया व्यक्त करूं। ऐसे मामलों से निपटने के लिए सभी राज्यों को फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करना चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में खास तौर पर उन क्षेत्रों में पुलिस की गश्त बढ़ानी चाहिए, जहां खतरा अधिक है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 18, 2012, 14:28