Last Updated: Monday, March 18, 2013, 19:31

नई दिल्ली : दिल्ली में गत वर्ष 16 दिसंबर को चलती बस में सामूहिक बलात्कार की शिकार 23 साल की छात्रा के मित्र की शुरूआती मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाले सफदरजंग अस्पताल के डाक्टर ने आज त्वरित अदालत में अपना बयान दर्ज कराया।
इस मुकदमे की सुनवाई कर रही अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्न की त्वरित अदालत में पीड़िता के 28 वर्षीय पुरुष-मित्र का मेडिको-लीगल केस (एमएलसी) तैयार करने वाले सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. सचिन बजाज ने अपना बयान दर्ज कराया । मेडिकल रिपोर्ट में उन चोटों और जख्मों का ब्योरा है जो इस घटना में पीड़िता के पुरुष-मित्र को लगे थे। डॉ. बजाज ने उस वक्त पीड़िता के सॉफ्टवेयर इंजीनियर पुरुष-मित्र का बयान भी दर्ज किया था जब वह 23 साल की पीड़िता के साथ अस्पताल लाया गया था । एक नाबालिग सहित छह अभियुक्तों ने पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाया था । इस दौरान उसे गंभीर जख्म भी पहुंचाये गये थे। इस पीड़िता को इलाज के लिये सिंगापुर ले जाया गया था जहां 29 दिसंबर 2012 को उसका निधन हो गया था।
डॉ. बजाज के अलावा डॉ. पी के वर्मा ने भी आज सरकारी गवाह के तौर पर अपना बयान दर्ज कराया। डॉ. वर्मा उस गहन चिकित्सा केंद्र (आईसीयू) के प्रभारी थे जहां 10 दिन तक पीड़िता का इलाज चला था। इस हफ्ते के आखिर में चार बालिग आरोपियों के वकील इन डॉक्टरों से जिरह करेंगे। पीड़िता का ऑपरेशन करने वाले सफदरजंग अस्पताल के सर्जन डॉ. राज कुमार चेजारा सरकारी गवाह के तौर पर पहले ही बयान दर्ज करा चुके हैं। बचाव पक्ष के वकील कल उनसे जिरह करेंगे।
गौरतलब है कि इस मामले के मुख्य आरोपी राम सिंह द्वारा तिहाड़ जेल में 11 मार्च को खुदकुशी कर लिए जाने के बाद उसके खिलाफ मामला बंद कर दिया गया है। बाकी चार बालिग आरोपी - मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता के खिलाफ इसी अदालत में मुकदमा चलाया जा रहा है। हालांकि, इस मामले के इकलौते नाबालिग आरोपी के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में मुकदमा चल रहा है। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 18, 2013, 19:31