Last Updated: Tuesday, January 8, 2013, 23:46
नई दिल्ली : बस में 23 वर्षीय पारा मेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के दिल दहलाने वाले मामले के आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने का प्रयास कर रहे वकीलों का कहना है कि पांच आरोपियों में से तीन खुद को निर्दोष बताएंगे और सुनवाई की मांग करेंगे।
सोमवार को साकेत बार के विरोध के बीच मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने और आरोपियों का बचाव की पेशकश करने वाले वकील एम एल शर्मा की सेवा प्रमुख आरोपी राम सिंह, उसके भाई मुकेश सिंह और अक्षय सिंह उर्फ ठाकुर ने ली है।
अदालत में पेश हो कर अदालत मित्र बनने की इच्छा जताने वाले एक अन्य वकील वी. के. आनंद की सेवा राम सिंह ने ली है।
शर्मा और आनंद दोनों ने समान रुख अपनाते हुए कहा, ‘वे आरोपपत्र में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को स्वीकार नहीं करेंगे। वे सुनवाई का सामना करना चाहते हैं।’ मजिस्ट्रेट नम्रता अग्रवाल ने सोमवार को मामले की सुनवाई के लिए 10 जनवरी की तारीख मुकर्रर की थी।
इससे पहले उन्होंने आदेश दिया था कि कार्यवाही बंद कमरे में हो और मीडिया इसकी रिपोर्टिंग नहीं करे।
इस बीच, तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपित निरक्षर हैं। ‘आम तौर पर किसी सनसनीखेज मामले में अनेक वकील आरोपित के प्रतिनिधित्व के लिए आगे आते हैं। निरक्षर होने और पहले से ही हताश होने के चलते आरोपितों ने शायद दो से ज्यादा वकीलों के लिए हस्ताक्षर कर दिए होंगे। यह वकील और बंदी के बीच का एक मुद्दा है।’
उधर, शर्मा ने दावा किया कि प्रमुख आरोपी राम सिंह, मुकेश और अक्षय के परिजन ने उनसे संपर्क किया। उन्होंने उनकी सेवा ली है। आनंद का भी कहना है कि वह राम सिंह का बचाव करेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने तिहाड़ जेल में आरोपित से मुलाकात की लेकिन वकालतनामा पर दस्तखत नहीं करा सके।
शर्मा ने कहा कि मंगलवार सुबह आरोपितों ने खुद ही उन्हें अदालत में उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा।
उन्होंने यह कहते हुए दो अन्य आरोपियों - पवन गुप्ता और विनय शर्मा का मामला लेने से इनकार किया, ‘गुप्ता के पिता ने उससे तिहाड़ में मुलाकात की। चूंकि उसके रिश्तेदारों में से एक वकालत करता है, वह उसका प्रतिनिधित्व करेगा।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 8, 2013, 23:46