दिल्ली विवि चुनाव में NSUI ने लहराया परचम

दिल्ली विवि चुनाव में NSUI ने लहराया परचम

नई दिल्ली : कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई ने आज हंगामे और अनियमितताओं के आरोपों के बीच दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में भाजपा संबद्ध एबीवीपी को मात देते हुए चार में से तीन पदों पर जीत हासिल की जबकि एक पद पर दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों के मत बराबर रहे। चुनाव परिणाम के वक्त खूब हंगामा हुआ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इसे ‘साजिश’ करार देते हुए चुनाव परिणाम स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव पद पर नेशनल स्टूडेन्ट्स यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआई) के प्रत्याशी विजयी रहे जबकि संयुक्त सचिव के पद के चुनाव में एबीवीपी और एनएसयूआई के प्रत्याशियों के मत बराबर रहे। हारने वाले पक्ष के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा किया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया जिसमें दो प्रत्याशियों सहित कई लोगों को चोटें आयीं। भ्रष्टाचार के खिलाफ और महंगाई के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाली एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने बैरीकेड तोड़ दिये।

एनएसयूआई के अरुण हुड्डा ने अध्यक्ष पद पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एबीवीपी के अंकित धनंजय चौधरी को 5465 मतों से हराया। चौधरी के 12156 मतों की तुलना में हुड्डा को 17621 मत मिले। एनएसयूआई को छात्र संघ का नियंत्रण दो साल के बाद मिला है क्योंकि गत वर्ष संगठन केवल अध्यक्ष पद पर ही जीत दर्ज कर सका था। वर्ष 2011 के चुनाव में अन्य पद भाजपा के एबीवीपी द्वारा जीते गए थे । एनएसयूआई प्रवक्ता अमरीश पांडेय ने परिणामों को दिल्ली विवि में ‘भगवा शक्तियों का सफाया’ करार दिया, वहीं एबीवीपी के राजय सचिव रोहित चाहल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने डूसू पर नियंत्रण के लिए ‘सत्ता का दुरुपयोग’ किया। चाहल ने कहा, ‘यह सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से किया गया। वे एनएसयूआई की जीत सुनिश्चित करना चाहते थे।’

एनएसयूआई के वरुण खारी नए उपाध्यक्ष चुने गए। उन्होंने एबीवीपी के गौरव चौधरी को 4475 मतों से हराया। खारी को जहां 17848 मत मिले जबकि चौधरी को केवल 13373 मत ही मिले। 2617 मतों के अंतर से जीत दर्ज करने वाले वरुण चौधरी छात्र संघ के नये सचिव बने। चौधरी को 15605 मत मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी एबीवीपी की रीतू राणा को केवल 12988 मत मिले। संयुक्त सचिव पद पर एनएसयूआई की रवीना चौधरी और एबीवीपी के विशू बसोया को बराबर मत मिले और फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह पद किसे दिया जाएगा। कुछ लोगों का कहना है कि ऐसी परिस्थितियों में युवा प्रत्याशी विजेता घोषित होता है।

एबीवीपी ने मांग की कि प्रत्याशियों के सामने फिर से मतगणना हो। चाहल ने कहा, ‘मतगणना केन्द्र पर प्रत्याशियों को मशीनें नहीं दिखाई गईं। हम सभी सीटों पर फिर से मतगणना चाहते हैं।’ (एजेंसी)

First Published: Saturday, September 15, 2012, 14:43

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