देशभर के बैंकों में हड़ताल से सेवाएं चरमराई

देशभर के बैंकों में हड़ताल से सेवाएं चरमराई

देशभर के बैंकों में हड़ताल से सेवाएं चरमराई मुम्बई: निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में बुधवार से दो दिन की हड़ताल पर चले जाने से देश भर में व्यापारिक और वाणिज्यिक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। हड़ताल से ग्राहक सेवा, विदेशी मुद्रा के लेन-देन, आयात-निर्यात और स्थानीय बिल, चेकों के समाशोधन, बैंक लॉकर से सम्बंधित कार्य, पूंजी बाजारों और बैंक द्वारा चलाई जाने वाली सभी गतिविधियों पर असर पड़ा। इस दौरान अधिकतर स्थानों पर लोगों को नकदी के लिए एटीएम पर निर्भर रहना पड़ा, तो पश्चिम बंगाल में अधिकतर एटीएम के भी शटर गिरे रहे।

बैंकों के नियमन में प्रस्तावित संशोधन और नौकरियों की आउटसोर्सिग के विरोध में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंकों और आठ विदेशी बैंकों के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं।

`यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंकिंग` के रवि शेट्टी ने कहा कि इसके अलावा बैंक कर्मचारी बैंकिंग कानून विधेयक में संशोधन करने के सरकार के कदम का भी विरोध कर रहे हैं। यह विधेयक इस समय संसद में लम्बित है और इस पर 23 और 24 अगस्त को चर्चा होने वाली है। इस हड़ताल की वजह से देश में बैंकिंग गतिविधियों पर असर पड़ा है।

हड़ताल के कारण मध्य प्रदेश में तमाम बैंकों में कामकाज पूरी तरह ठप्प रहा और आम ग्राहक को एटीएम पर निर्भर रहना पड़ा।

राज्य में बैंकों के बाहर ताले लटके हैं और कामकाज बाधित है। राजधानी भोपाल में तमाम बैंकों के कर्मचारी ऑरियंटल बैंक ऑफ कामर्स के मुख्यालय के बाहर जमा हुए और उन्होंने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद कर्मचारियों ने रैली निकालने के बाद सरकार की मनमानी को जमकर कोसा ।

बैंक कर्मचारियों की इस दो दिवसीय हड़ताल में राज्य की साढ़े पांच हजार शाखाओं के कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं। हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह ठप्प हैं। आम आदमी को कोई परेशानी न हो इसको ध्यान में रखकर एटीएम में पर्याप्त राशि जमा कर दी गई थी और ग्राहक एटीएम से ही अपनी जरूरत की राशि निकाल रहे हैं।

पश्चिम बंगाल में अधिकतर सरकारी और निजी बैंकों के एटीएम के भी शटर गिरे देखे गए, क्योंकि मशीन की सुरक्षा में लगे गार्ड भी हड़ताल में शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बैंकों में सुबह से ताले लटके हैं और ग्राहक सेवा, चेकों के समाशोधन, बैंक लॉकर से सम्बंधित कार्य, पूंजी बाजारों और बैंक द्वारा चलाए जाने वाली सभी गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। नकदी निकालने के लिए लोगों को एटीएम पर निर्भर होना पड़ रहा है।

बैंकों की अलग-अलग यूनियनों के पदाधिकारी हजरतगंज स्थित इलाहाबाद की मुख्य शाखा पर एकत्र हुए और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। हड़ताल में राज्य के विभिन्न बैंकों की करीब 10 हजार शाखाओं के तकरीबन डेढ़ लाख बैंककर्मी शामिल हैं।

हड़ताल से आम आदमी को नगदी की होने वाली परेशानी को देखते हुए बैंकों की तरफ से एटीएम मशीनों में पर्याप्त धन जमा करा दिया गया है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 22, 2012, 16:01

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