Last Updated: Monday, August 20, 2012, 14:31

बेंगलूरु: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और टीम अन्ना के पूर्व सदस्य एन. संतोष हेगड़े का मानना है कि मात्र भ्रष्टाचार विरोध को मुद्दा बनाकर अभी कोई राजनैतिक दल चुनाव नहीं जीत सकता क्योंकि चुनावों में धनबल और विविधता की अहम भूमिका होती है। कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त हेगड़े पूर्व टीम अन्ना के दो अक्तूबर को राजनैतिक दल बनाने के फैसले से खुद को अलग कर चुके हैं। हेगड़े का कहना है कि चुनावों में सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक विविधता का खास महत्व होता है।
पूर्व टीम अन्ना के सदस्य रहे हेगड़े ने बताया कि हर व्यक्ति चुनावों को सिर्फ लोकतांत्रिक दृष्टि से नहीं देखता। उन्होंने कहा कि लोग (एक वर्ग) उन पर (चुनावों में) पैसे लुटाने के आदी हो चुके हैं। मतदाताओं (एक वर्ग) का चुनावी रुख बदलने में अभी काफी समय लगेगा। हेगड़े के अनुसार हालांकि भ्रष्टाचार विरोध का मुद्दा चुनाव लड़ने के लिए अच्छा है लेकिन वह इस बारे में आश्वस्त नहीं हैं कि अगले 10-12 वर्षों में कोई सिर्फ इस मुद्दे पर चुनाव जीत सकेगा।
उन्होंने कहा कि वह अखिल भारतीय दल बनाने के समर्थन में नहीं हैं क्योंकि यह कोई ‘बच्चों का खेल’ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘लोकसभा चुनावों के लिए 543 प्रत्याशी ढूंढना एक भारी काम होगा। हेगड़े ने कहा कि अन्ना की प्रतिष्ठा के चलते सभी चुनाव क्षेत्रों के लिए उम्मीदवार मिलना कठिन नहीं होगा क्योंकि लोग निश्चित तौर पर इसके लिए आवेदन करेंगे। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ये किस तरह के लोग होंगे? और ये लोग जरूरी संसाधनों के बिना अपना प्रचार कैसे करेंगे? (एजेंसी)
First Published: Monday, August 20, 2012, 14:31