देश का अगला पीएम कांग्रेस-भाजपा से नहीं : आडवाणी

देश का अगला पीएम कांग्रेस-भाजपा से नहीं : आडवाणी

देश का अगला पीएम कांग्रेस-भाजपा से नहीं : आडवाणीज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इस बात के संकेत दिए हैं कि अगले लोकसभा चुनाव के बाद देश में सरकार भले ही एनडीए या यूपीए गठबंधन की बने लेकिन प्रधानमंत्री कांग्रेस या भाजपा से बनने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने विश्लेषकों के हवाले से अगले आम चुनाव में कांग्रेस की सीटें सौ से कम रह जाने की संभावना जताई है।

पिछले लोकसभा चुनाव में मुख्य विपक्षी दल के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहे आडवाणी ने अपने ब्लॉग में लिखा है, ‘कांग्रेस या भाजपा के समर्थन वाली सरकार का नेतृत्व किसी गैर कांग्रेसी या किसी गैर भाजपाई प्रधानमंत्री द्वारा किया जाना संभव है। ऐसा अतीत में भी हुआ है।’ उन्होंने अतीत में कांग्रेस के समर्थन वाली सरकारों में चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर, एचडी देवगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल तथा भाजपा समर्थित सरकार में वीपी सिंह के प्रधानमंत्री होने का उदाहरण पेश किया।

आडवाणी ने इससे पहले यह भी लिखा, ‘पिछले ढाई दशक में देश में राष्ट्रीय राजनीति का जो स्वरूप बना है उसके मुताबिक नई दिल्ली में ऐसी सरकार बनना व्यवहारिक रूप से असंभव है जिसे कांग्रेस या भाजपा का समर्थन नहीं हो। इसलिए तीसरे मोर्चे की सरकार की संभावना खारिज की जा सकती है।’ उन्होंने कहा कि सरकार तो कांग्रेस या भाजपा के समर्थन वाली होगी लेकिन प्रधानमंत्री गैर कांग्रेसी या गैर भाजपाई हो सकता है।

आडवाणी ने अपनी यह राय ऐसे समय में दी है जब देश में भाजपा की ओर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर बहस छिड़ी हुई है। राजग के कार्यकारी अध्यक्ष ने अपनी यह राय सरकार के दो वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों के विचारों का हवाला देते हुए दी। आडवाणी ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा निवर्तमान राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के सम्मान में दिए गए रात्रिभोज के दौरान दोनों मंत्रियों ने अनौपचारिक बातचीत में यह राय दी थी कि 16वें लोकसभा चुनाव में न तो कांग्रेस और न ही भाजपा सरकार बनाने के लिहाज से स्पष्ट बहुमत हासिल करने के लिए गठबंधन बना पाएंगे और 2013 या 2014 जब भी चुनाव होंगे तीसरे मोर्चे की सरकार बन सकती है।

भाजपा नेता के अनुसार उन्होंने सरकार के मंत्रियों की राय के विपरीत अपना विचार रखते हुए कहा, ‘मैं आपकी चिंता समझता हूं लेकिन मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता। मेरी राय अलग है।’ आडवाणी ने कांग्रेस और संप्रग सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश में जब भी कांग्रेस या भाजपा का प्रधानमंत्री रहा है तभी स्थिरता रही है लेकिन दुर्भाग्य से 2004 के बाद से संप्रग-1 और संप्रग-2 दोनों सरकारों में शासन बहुत खराब रहा। आडवाणी ने कहा, ‘लोगों का आमतौर पर मानना है कि कांग्रेस पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव परिणाम के लिहाज से सबसे बुरा समय 1977 में आपातकाल के बाद हुए चुनाव रहे। लेकिन आश्चर्य नहीं होगा अगर अगले लोकसभा चुनाव का परिणाम कांग्रेस पार्टी के लिए 1952 के बाद से इतिहास का सबसे बुरा नतीजा साबित हो।’

First Published: Sunday, August 5, 2012, 14:24

comments powered by Disqus