Last Updated: Saturday, August 24, 2013, 15:10

नई दिल्ली : सोशल मीडिया के अविवेकपूर्ण इस्तेमाल पर सावधान करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि छानबीन करना मीडिया का स्वभाव है लेकिन उसे आरोपों के जाल में नहीं फंसना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंधेरे में तीर चलाना खोजी पत्रकारिता का विकल्प नहीं है।
राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र के उद्घाटन के मौके पर सिंह के साथ मौजूद संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मीडिया कभी-कभी राजनीतिक व्यवस्था को असहज बना देता है।
सिंह ने कहा कि मीडिया केवल कारोबारी गतिविधि का आईना नहीं है बल्कि यह पूरे समाज का प्रतिबिम्ब है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधार और उदारीकरण से आये सामाजिक बदलाव की प्रक्रिया की तरह मीडिया भी इन बदलावों से प्रभावित हुआ है। बदलाव के परिणामस्वरूप निस्संदेह चुनौती आती है। दो दशकों से आये सामाजिक-आर्थिक बदलावों से उत्पन्न चुनौतियों तक पहुंच बनाने, उनसे निपटने और उबरने की मीडिया उद्योग से जुड़े लोगों की विशेष जिम्मेदारी है।
सिंह ने कहा कि इस जिम्मेदारी का निर्वहन करते समय सतर्क रहने की आवश्यकता है। छानबीन करना मीडिया का स्वभाव है लेकिन उसे आरोपों के जाल में नहीं फंसना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंधेरे में तीर चलाना खोजी पत्रकारिता का विकल्प नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतत: विश्वसनीयता ही मीडिया की पूंजी है और यही पाठक या दर्शक के साथ अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है। सामाजिक सद्भाव और लोक व्यवस्था का सवाल इससे जुड़ा हुआ है। सोशल मीडिया के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं सोशल मीडिया क्रान्ति के संदर्भ में इस बात पर विशेष रूप से बल देना चाहता हूं क्योंकि इस मीडिया ने आम नागरिक और पेशेवर पत्रकार के बीच का अंतर एक तरह से समाप्त कर दिया है।’
उन्होंने कहा कि यदि हम पिछले वर्ष हुई उस त्रासदी से बचना चाहते हैं, जिसमें आनलाइन दुष्प्रचार के चलते अनेक निर्दोष लोगों को अपने जीवन के प्रति आशंकित होकर गृह प्रांतों को लौटना पड़ा था तो यह जरूरी है कि हम इस धारणा से परिपक्वता और बुद्धिमत्तापूर्ण ढंग से निपटें।
सिंह ने कहा कि यह वास्तविकता है कि पत्रकारिता को उसके काम से अलग नहीं किया जा सकता। किसी भी मीडिया संगठन का दायित्व सिर्फ उसके पाठकों और दर्शकों तक सीमित नहीं है, कंपनियों का दायित्व अपने निवेशकों और शेयरधारकों के प्रति भी होता है।
उन्होंने कहा कि बाटम लाइन और हेडलाइन के बीच खींचतान उनके लिए जीवन की सच्चाई है किन्तु इसकी परिणति ऐसी स्थिति में नहीं होनी चाहिए कि मीडिया संगठन अपने प्राथमिक लक्ष्य को भूल जाए, जो समाज को दर्पण दिखाने का है तथा सुधार लाने में मदद करने का है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मीडिया और समाज लोकतंत्र और राष्ट्रनिर्माण का अनिवार्य हिस्सा हैं। आज जब हम राष्ट्रों के समुदाय में अपना न्यायोचित स्थान हासिल करने के निर्णायक स्तर पर हैं तो ‘मुझे विश्वास है कि मीडिया एक बहुसमुदायवादी, समावेशी और प्रगतिशील समाज के रूप में भारत को एकजुट करने के संयुक्त प्रयासों में कोई कमी नहीं आने देगा।’
उन्होंने कहा कि इस अवसर पर वह मुक्त, बहुपक्षीय और स्वतंत्र मीडिया को सुदृढ़ करने के प्रति संप्रग सरकार की वचनबद्धता दोहराना चाहते हैं। हमारे प्रयासों का लक्ष्य ‘सूचना भेद’ को दूर करना है और नागरिकों को सूचना और ज्ञान प्रदान करना है ताकि उन्हें सामाजिक, आर्थिक और प्रौद्योगिकी संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जा सके।
सिंह ने कहा कि हमारे सूचना तंत्र का लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण जानकारी देकर लोगों को अधिकारिता प्रदान करना है। सामाजिक मीडिया के मौलिक इस्तेमाल के जरिए, ‘मुझे विश्वास है कि हमारी सरकार एक महात्वाकांक्षी भारत की संचार जरूरतों को सुदृढ़ करने और युवा पीढी को उनके साथ जोड़ने में योगदान करेगी।’
इस मौके पर सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि दुनिया भर में प्रिंट मीडिया दबाव में है लेकिन भारत ने संभवत: इस रूझान को पलटा है और भारतीय समाचार पत्र बाजार दस प्रतिशत की दर से वृद्धि करने वाला एकमात्र बाजार होगा और दुनिया के छठे सबसे बडे बाजार के रूप में उभरेगा।
राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र शहर के बीचोबीच रायसीना रोड पर 1.95 एकड भूखंड पर सूचना प्रसार के अत्याधुनिक साधनों से लैस है ।
यह मीडिया केन्द्र वाशिंगटन और तोक्यो जैसे दुनिया के कुछ बड़े देशों की राजधानियों के मीडिया केन्द्रों की तर्ज पर तैयार किया गया है। इसमें पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) होगा और मीडिया के लिए विशेष सुविधाएं भी होंगी।
यह मीडिया केन्द्र राष्ट्रपति भवन, विज्ञान भवन, संसद भवन और कई महत्वपूर्ण सरकारी मंत्रालयों के निकट 7-ई, रायसीना रोड पर है। इस केन्द्र का निर्माण नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) ने तीन साल में 60 करोड़ रुपए की लागत से किया है।
इस केन्द्र में एक प्रेस कांफ्रेंस हाल है, जिसमें एक साथ 283 मीडियाकर्मी बैठ सकते हैं। 60 लोगों की क्षमता वाला एक ब्रीफिंग कक्ष है। पत्रकारों के लिए 24 वर्क स्टेशन, एक पुस्तकालय, मीडिया लाउंज और कैफेटेरिया भी है। प्रेस कांफ्रेंस हाल और मीडिया लाउंज में वाई-फाई की सुविधा है।
मीडिया केन्द्र में आप्टिक फाइबर इंटरनेट, मिनी डाटा सेंटर और वेबकास्ट होस्टिंग की सुविधा भी है। इसमें लाइव वेबकास्ट, टीवी चैनलों को वीडियो फीड, मीडियाकर्मियों को आईटी सुविधा, इंटरनेट टेलीफोनी और आडियो-विजुअल वीडियो वाल शामिल है।विश्वस्तरीय मीडिया केन्द्र में दो बेसमेंट, एक भूतल और उसके ऊपर चार और तल हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 24, 2013, 13:36