देश में जन स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त : रमेश

देश में जन स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त : रमेश

देश में जन स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त : रमेश नई दिल्ली : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने आज कहा कि देश में जन स्वास्थ्य व्यवस्था ‘ध्वस्त’ हो गई है जबकि बांग्लादेश तथा केन्या जैसे निर्धन देशों में भी स्वास्थ्य संकेतक बेहतर हैं। देश के स्वास्थ्य क्षेत्र का स्पष्ट मूल्यांकन करते हुए रमेश ने कहा कि 70 प्रतिशत स्वास्थ्य खर्च निजी स्रोतों से पूरा किया जाता है जिससे इस मामले में भारत ‘अनोखा देश’ बन जाता है। उन्होंने कहा कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में ऋणग्रस्तता के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है।

हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में भाग लेते हुए रमेश ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य पर खर्च ऋणग्रस्तता के प्रमुख कारणों में से एक है। उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र ध्वस्त हो गया है। भारत एक अनोखा देश है जहां 70 प्रतिशत स्वास्थ्य व्यय निजी खर्च है।’ देश के कई हिस्सों में लोक स्वास्थ्य प्रणाली का अस्तित्व ही नहीं है। रमेश ने कहा कि दुनिया भर में देश स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं।

रमेश ने सामाजिक संकेतकों में सुधार के लिए राज्यों द्वारा निर्वाचित संस्थानों और सहभागिता वाले संस्थानों के गठन के लिए मौलिक प्रतिबद्धता जताए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले राज्यों को मदद मिली है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अधिकारसंपन्न बनाकर बांग्लादेश और केन्या जैसे देशों ने स्वच्छता सुविधाओं और शिशु मृत्यु दर जैसे मामलों में बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ उनकी शीर्ष प्राथमिकता में होगा और साफसफाई एवं स्वच्छता में सुधार से शिशु मृत्यु दर में भी सुधार हुआ है। (एजेंसी)

First Published: Friday, November 16, 2012, 18:08

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