Last Updated: Saturday, November 26, 2011, 03:07
नई दिल्ली: प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू ने मीडिया के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणी के बाद कहा कि ‘भारत में ज्यादातर लोगों का बौद्धिक स्तर बहुत कम है, वे जातिवाद, सम्प्रदायवाद, अंधविश्वास और सभी तरह के सामंती एवं पुरातनपंथी विचारों से सने हुए हैं।’
काटजू ने कहा कि ‘मीडिया दर्शकों की रूचि के मुताबिक कार्यक्रम और समाचार मुहैया करती है’, इस दलील ने इसे रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें बेचने वाली किसी दुकान की तरह बना दिया है।
काटजू ने कहा है, ‘इसलिए यह कहना कि मीडिया को वही आपूर्ति करनी चाहिए जो दर्शक चाहते हैं, उससे मीडिया का स्तर गिर कर रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें बेचने वाली दुकान हो गई है।’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लोग आज बहुत पिछड़े हुए हैं जैसा कि मैंने जिक्र किया है कि वे जातिवाद, सम्प्रदायवाद और अंधविश्वास से ओत प्रोत हैं तथा महिलाओं के लिए समानता के खिलाफ हैं।’
काटजू ने कहा कि यूरोपीय मीडिया ने लोगों को शिक्षित करने में एक ऐतिहासिक और शानदार भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, ‘यूरोपीय मीडिया ने 17वीं, 18 वीं और 19वीं सदियों में एक ऐतिहासिक और शानदार भूमिका निभाई। यह वह काल था जब यूरोप सामंती से आधुनिक समाज की ओर संक्रमण के दौर से गुजर रहा था।’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मीडिया के खिलाफ नहीं हूं और दुर्भाग्य से मेरी बातों की गलत व्याख्या की गई। मैं सिर्फ भारतीय मीडिया को देश के प्रति उसका ऐतिहासिक कर्तव्य याद दिलाना चाहता हूं।’
(एजेंसी)
First Published: Saturday, November 26, 2011, 08:38