दो मोर्चे पर युद्ध के लिए भारत को चाहिए 39 स्क्वाड्रन

दो मोर्चे पर युद्ध के लिए भारत को चाहिए 39 स्क्वाड्रन

दो मोर्चे पर युद्ध के लिए भारत को चाहिए 39 स्क्वाड्रन नई दिल्ली : पाकिस्तान और चीन से एक साथ युद्ध की स्थिति में उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना को 39 युद्धक विमान इकाइयों की आवश्यकता होगी लेकिन फिलहाल उसके पास केवल 34 स्क्वाड्रन हैं।

रक्षा संबंधी संसद की स्थायी समिति ने अपनी रपट में सरकार की इस बात के लिए आलोचना की है कि नई आधुनिकीकरण स्कीमों के लिए भारतीय वायुसेना को केवल 2000 करोड रुपए का आवंटन किया गया जबकि केवल राफेल युद्धक जेट सौदे के लिए ही 15000 करोड रुपए की आवश्यकता है।

वायुसेना ने समिति को बताया कि अधिकृत 42 स्क्वाड्रनों के विपरीत उसके पास 34 युद्धक स्क्वाड्रन हैं। यदि दो मोर्चे पर युद्ध की स्थिति बनी तो चुनौती से निपटने के लिए किसी भी समय 39 स्क्वाड्रन आवश्यक होंगे।

स्वदेशी हल्के युद्धक विमान (एलसीए) को वायुसेना में शामिल करने में 20 साल से अधिक का विलंब हुआ जबकि मध्यम बहुआयामी युद्धक विमान (एमएमआरसीए) के अधिग्रहण की प्रक्रिया में विलंब हो रहा है। फ्रांसीसी कंपनी दासाल्त के साथ रक्षा मंत्रालय की वार्ता में कुछ मुद्दों के कारण विलंब हो रहा है। भारत ने दासाल्त के ही राफेल युद्धक जेट का चयन किया है।

समिति ने कहा कि भारतीय वायुसेना की स्क्वाड्रन क्षमता घट रही है, ऐसे में यह बात समझ से परे है कि केवल 2000 करोड रूपये का वित्तपोषण करने से वायुसेना कैसे एमएमआरसीए और अन्य उपकरण खरीदने की स्थिति में होगी। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 29, 2013, 22:48

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