धूमधाम से मनाई गई महाशिवरात्रि - Zee News हिंदी

धूमधाम से मनाई गई महाशिवरात्रि



नई दिल्ली : देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व सोमवार को श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ शिवालयों पर देखी गई। श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर जुलूस भी निकाले। भारत से श्रद्धालुओं का एक दल पाकिस्तान के कटासराज मंदिर में भगवान शिव की पूजा की। वहीं, देवघर के बाबा वैद्यनाथ मंदिर में भारी तादाद में श्रद्धालु उमड़े और शिवलिंग पर जलार्पण एवं पूजा अर्चना किया।

 

दिल्ली में सोमवार तड़के से ही महाशिवरात्रि पर्व का उल्लास देखा गया। श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जल चढ़ाकर और प्रार्थना कर पर्व की शुरुआत की। राष्ट्रीय राजधानी के शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्त भगवान के दर्शनों के लिए पहुंचने लगे थे। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं। चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में धूमधाम से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया गया और बाबा का अभिषेक किया गया।

 

उत्तर प्रदेश में महाशिवरात्रि के मौके पर सोमवार को शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। धर्मनगरी काशी (वाराणसी) के प्राचीन विश्वनाथ मंदिर सहित सभी शिवालयों में तड़के ही पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया। गंगा नदी के घाटों से लेकर शिवालयों तक बम-बम भोले के जयकारे गूंज रहे थे। भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शनों के लिए दूर-दूर से आए हजारों शिवभक्त रात से ही डेरा डाले थे। तड़के शिवभक्तों ने गंगा में डुबकी लगाई और कतार में लगकर बाबा विश्वनाथ को बेल, धतूरा और दूध अर्पित किया। हिंदुओं में ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन पवित्र गंगा स्नान करके भगवान शिव की पूजा करने से सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।

 

उधर, इलाहाबाद में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम स्थल पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाकर तट पर स्थित मनकामेश्वर व अन्य शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना की। वहीं लखनऊ के मनकामेश्वर, बाराबंकी में बुद्धेश्वर, कानपुर के परमट स्थित शिवालयों में सुबह से ही शिव भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर सोमवार को विश्व पर्यटन स्थल कालिंजर दुर्ग की गुफा की सरगोह में विराजमान भगवान नील कंठेश्वर के दर्शनों के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हुई। श्रद्धालुओं ने किले के ऊपर बने 'बुड्ढ़ी-बुड्ढ़ा' तालाब व सरगोह में डुबकी लगाई।

 

हिमाचल प्रदेश के 'छोटा काशी' के नाम से मशहूर मंडी में महाशिवरात्रि के उत्सव में शामिल होने के लिए सैकड़ों गांवों के 200 से अधिक देवताओं को निमंत्रण दिया गया है। इस आयोजन की शुरुआत मंडी शहर की स्थापना से मानी जाती है। शिवभक्त शासक अजबर सेन ने 1526 में मंडी की स्थापना के समय स्थानीय देवताओं को आमंत्रित किया था। उसके बाद से सैकड़ों गावों के मंदिरों के देवताओं का जमावड़ा परम्परा का हिस्सा बन गया। आजादी के बाद देवी-देवताओं को आमंत्रित करने का कार्य जिला प्रशासन ने सम्भाल लिया। भारत से गए तीर्थयात्रियों के एक दल ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित एक प्राचीन मंदिर में छह वर्षो बाद सोमवार को महाशिवरात्रि मनाई। कहा जाता है कि यह मंदिर 900 वर्ष से भी पुराना है। वहीं,  भारत से गए 50 हिंदुओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने चकवाल के पास कटासराज में महाशिवरात्रि समारोह मनाया।

(ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी)

First Published: Monday, February 20, 2012, 23:59

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