Last Updated: Sunday, November 20, 2011, 08:50
नई दिल्ली : माओवादी हमलों के चलते खबरों में रहे छत्तीसगढ़ राज्य की सरकार देश में वामपंथी उग्रवाद को रोकने के लिए एकीकृत कार्ययोजना चाहती है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह का यह भी मानना है कि नक्सली समस्या का समाधान केवल बंदूक से नहीं निकल सकता।
सिंह ने साक्षात्कार में कहा, हमारी भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि हम दो बड़े नक्सल कॉरिडोरों के केंद्र में हैं। पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण कॉरिडोर हमारे राज्य से गुजरते हैं। अगर हम इस पर नियंत्रण करते हैं तो उड़ीसा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे सभी प्रभावित राज्यों में नक्सल आंदोलन ध्वस्त हो जाएगा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पिछले साल छह अप्रैल को नक्सली हमले की एक घटना में कम से कम 76 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।
सिंह ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई अकेले सैन्य कार्रवाई के दम पर नहीं जीती जा सकती। उन्होंने सभी पड़ोसी राज्यों में नक्सली समस्याओं से प्रभावित इलाकों में संपर्क, शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने के लिए मजबूत समयबद्ध विकास योजना की वकालत की।
उन्होंने कहा, हमने एकीकृत कार्ययोजना में तीन सूत्री सुझाव दिया है। इनमें राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय राजमार्गों का निर्माण, अंतरराज्यीय पुलों का निर्माण और स्कूलों, पीडीएस की दुकानों तथा अन्य बुनियादी ढांचों का निर्माण है जिन्हें किसी भी स्थिति में सभी राज्यों में एक साथ चार साल में पूरा किया जाए। इससे राज्यों में संपर्क और आवाजाही बढ़ेगी।
रमन सिंह ने नक्सलियों पर राज्यों के आदिवासियों को धन देने के नाम पर करीब 300 करोड़ रुपये हथियाने का भी आरोप लगाया। रमन सिंह की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करने के लिए पार्टी के भीतर चल रही खींचतान के मद्देनजर महत्वपूर्ण है क्योंकि लालकृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली, शिवराज सिंह चौहान के साथ उनके खुद के नाम को लेकर अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं। सिंह ने कहा, उनकी प्राथमिकता राज्य के लिए काम करने की है। न तो मेरी सोच वहां पहुंचने (प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होने) की है और न ही मैं खुद को राज्य के बाहर काम करने के लिए तैयार पाता हूं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह मानते हैं कि क्षेत्रीय नेताओं के सशक्तिकरण और शक्तिशाली मुख्यमंत्रियों के इस दौर में किसी राज्य का प्रमुख देश में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री बन सकता है तो सिंह ने इस बात का सकारात्मक जवाब दिया।
सिंह ने कहा, क्यों नहीं। कोई विधायक, विधान पाषर्द, सांसद, मुख्यमंत्री या कोई आम आदमी भी प्रधानमंत्री बन सकता है। देश में प्रधानमंत्री बनने के लिए कोई शर्त नहीं है। किसी व्यक्ति को उसके लिए सिर्फ मतदाता होना चाहिए और उसके बाद उसे चुनाव जीतना है, जिसे वह बाद में भी कर सकता है। पिछले हफ्ते भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा था कि आडवाणी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर स्वाभाविक पसंद हैं। पार्टी प्रमुख नितिन गडकरी ने पहले कहा था कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो सिर्फ लोकसभा का सांसद ही पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री बनेगा।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, November 20, 2011, 15:15