नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो कौन संभालेगा गुजरात?

नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो कौन संभालेगा गुजरात?

नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो कौन संभालेगा गुजरात?ज़ी मीडिया ब्यूरो
अहमदाबाद : लोकसभा चुनाव-2014 के मद्देनजर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा के चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाए जाने के बाद अटकलों का बाजार गरम है कि आखिर मोदी का संभावित उत्तराधिकारी कौन होगा। हालांकि पार्टी नेतृत्व ने इस मसले पर चुप्पी साध रखी है। लेकिन मोदी के उत्तराधिकारी के तौर पर जिन तीन प्रबल दावेदारों का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है, उनमें राजस्व मंत्री आनंदी बेन पटेल, वित्त मंत्री नितिन पटेल और ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल का नाम शामिल है।

गुजरात के भाजपा नेता फालदू का कहना है, `सरकार और पार्टी के कामकाज का तरीका कुछ ऐसा है कि मोदी की गैरमौजूदगी के बावजूद राज्य में सब कुछ बेहतर तरीके से चलता रहेगा। हमारे नेताओं के बीच शक्तियों का विकेंद्रीकरण संतुलित तरीके से किया गया है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गुजरात में दूसरी पंक्ति का कोई नेतृत्व नहीं है क्योंकि मोदी ने अपनी निरंकुश कार्यप्रणाली के जरिये भाजपा के कैडर सिस्टम को ही खत्म कर दिया है। यहां तक कि सूबे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को भी धक्का पहुंचाया गया है। उनका यह भी मानना है कि मोदी गुजरात में मुख्यमंत्री का पद तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक उन्हें प्रधानमंत्री या राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा अध्यक्ष जैसा बड़ा पद न मिल जाए।

बावजूद इसके जहां तक मोदी के उत्तराधिकारी का सवाल है तो 71 साल की आनंदी बेन पटेल सबसे सशक्त दावेदार हैं क्योंकि वह मोदी की बेहद भरोसेमंद मानी जाती हैं। आनंदी के बारे में कहा जाता है कि उनका नौकरशाहों में खासा प्रभाव है। उन्हें शक्तिशाली पटेल समुदाय का समर्थन भी हासिल है। आनंदी फिलहाल राजस्व, सूखा राहत, भूमि सुधार, पुनर्वास एवं पुनर्संरचना, सड़क एवं इमारत, राजधानी से जुड़ी परियोजना, शहरी विकास एवं शहरी आवास विभाग की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

नितिन पटेल को भी राजनीति और प्रशासन का गहरा अनुभव है और उनमें सामुदायिक नेतृत्व की क्षमता है। वह 1995 में बनी पहली भाजपा सरकार और केशुभाई के कार्यकाल के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री थे। फिलहाल नितिन पटेल के हाथों में वित्त, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, परिवार कल्याण और परिवहन विभाग की कमान है। कहा जाता है कि उनका राज्य की सबसे ताकतवर लॉबी तेल उत्पादकों में अच्छा-खासा प्रभाव है।

ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने अमेरिका से एमबीए की पढ़ाई पूरी की है और वह शुरू से ही मोदी के वफादार रहे हैं। वह 1998 से ही राज्य विधानसभा के सदस्य रहे हैं। 2001 में जब केशुभाई पटेल के हाथों से राज्य की सत्ता की चाबी मोदी के पास गई तभी से वह मंत्री रहे हैं। करीब 55 वर्षीय सौरभ पटेल को 2012 के विधानसभा चुनावों के बाद राज्य मंत्री से पदोन्नति देकर कैबिनेट रैंक दिया गया। दिवंगत धीरूभाई अंबानी के बड़े भाई रमणीकभाई अंबानी के दामाद सौरभ पटेल एक अनुभवी मंत्री हैं और उन्हें प्रशासन से जुड़े सभी मसलों की जानकारी है। जिस तरह मोदी ने तेजी से तरक्की की है ठीक वैसे ही सरकार में सौरभ पटेल का कद भी तेजी से बढ़ा है। सौरभ पटेल के पास फिलहाल ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल, खदान एवं खनिज, कुटीर उद्योग, नमक उद्योग, प्रिंटिंग, स्टेशनरी, योजना, पर्यटन, नागरिक विमानन तथा श्रम एवं रोजगार विभाग की जिम्मेदारी है।

First Published: Thursday, June 20, 2013, 10:53

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