Last Updated: Tuesday, October 23, 2012, 10:31

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी बार फिर विवादों में घिर गए हैं। प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर ने गडकरी द्वारा नियंत्रित कंपनी पूर्ति पॉवर एंड सुगर लिमिटेड को मिलने वाले फंड को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं । खबर के मुताबिक जांच में सामने आया है कि निर्माण क्षेत्र की कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स यानी आईआरबी ग्रुप ने पूर्ति कंपनी को कर्ज देने के साथ-साथ उसमें निवेश भी किया। आईआरबी को वर्ष 1995 से 1999 के बीच में कई कॉनट्रैक्ट मिले थे जब गडकरी महाराष्ट्र में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे।
आईआरबी ग्रुप के अलावा पूर्ति में अन्य महत्वपूर्ण शेयर होल्डर्स में है 16 कंपनियों का ग्रुप। छपी खबर के मुताबिक कंपनियां जिन पतों पर रजिस्टर्ड हैं उनका अता-पता ही नहीं है। इतना ही नहीं ये कंपनियां गडकरी के करीबी सहयोगियों द्वारा नियंत्रित हैं।
आईआरबी कंपनी और उसके प्रमोटर डीपी म्हेस्कर ने पूर्ति के 68.4 लाख शेयर सब्स्क्राइब किए। आईआरबी की एक कंपनी ग्लोबल सेफ्टी विजन ने गडकरी की कंपनी को 164 करोड़ रुपए का कर्ज दिया। पूर्ति के सात प्रमोटर्स में से एक गडकरी के पास 3,100 रूपए मूल्य के 310 शेयर हैं।
ग्लोबल से लोन उस साल दिए गए जब पूर्ति का टर्नोवर 145 करोड़ रूपए था तथा कंपनी को 48.94 करोड़ रूपए का घाटा हुआ था। ग्लोबल ने अपने निदेशक गणेश गदरे को पदेन निदेशक के तौर पर नियुक्त किया।
इन आरोपों के बीच गडकरी ने किसी भी प्रकार का गलत काम होने से इनकार किया है। गडकर ने कहा है कि मैं किसी भी प्रकार की जांच का सामना करने को तैयार हूं। दूसरी तरफ पूर्ति पॉवर एंव सुगर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर दिवे ने कंपनी की फंडिग में किसी गड़बड़झाले के होने से इंकार किया है।
First Published: Tuesday, October 23, 2012, 10:31