नियंत्रण रेखा के आर-पार आवागमन बहाल

नियंत्रण रेखा के आर-पार आवागमन बहाल

नियंत्रण रेखा के आर-पार आवागमन बहालजम्मू : जम्मू एवं कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित करने वाले नियंत्रण रेखा के आर-पार आवागमन सोमवार को फिर से बहाल हो गया।

आठ जनवरी को दो भारतीय जवानों की हत्या के बाद से नियंत्रण रेखा के आर-पार आवागमन निलम्बित कर दिया गया था। एक अधिकारी ने बताया कि नियंत्रण रेखा के आर-पार व्यापार मंगलवार से बहाल हो जाएगा। अधिकारी के मुताबिक अपने रिश्तेदारों से मिलने जिन 85 लोगों को नियंत्रण रेखा पर तनाव के कारण अधिक समय तक रुकना पड़ गया था, वे अब अपने घरों को वापस लौट गए हैं।

पूंछ जिले के एक अधिकारी ने बताया कि हम पहले लम्बित मामलों को निपटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोमवार को कोई नया यात्री पाकिस्तान नहीं गया। नियंत्रण रेखा के आर-पार हर सोमवार को आवागमन होता है। आठ जनवरी को जब तनाव शुरू हुआ, तब नियंत्रण रेखा के उस पार के 109 लोग पूंछ और राजौरी जिले में मौजूद थे। यह आवागमन, विश्वास बहाली के उपाय के तौर पर रेखा के आर-पार बंट गए परिवारों को आपस में मिलाने के लिए आयोजित किया जाता है, जिसकी शुरुआत 2005 में सलामाबाद से कश्मीर घाटी के चकोटी के बीच और चकन दा बाग से जम्मू के पूंछ जिले में रावलकोट के बीच हुई थी।

व्यापार भी मंगलवार से बहाल हो जाएगा। यह हर सप्ताह मंगलवार से शुक्रवार के बीच आयोजित होता है। नियंत्रण रेखा के आर पार अब तक के आंकड़े के मुताबिक हर रोज 25 ट्रकों के जरिए दो करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं का व्यापार होता है। 10 जनवरी को भारतीय अधिकारियों ने बताया था कि पाकिस्तान ने चकन द बाग में ट्रकों के लिए दरवाजा नहीं खोला। तब से व्यापार अवरुद्ध है।

उल्लेखनीय है कि भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि उसके जवानों ने आठ जनवरी को दो भारतीय जवानों की हत्या कर दी थी और एक जवान का सिर काट लिया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गथा था।

पाकिस्तान ने भी भारत पर आरोप लगाया था कि भारतीय जवानों ने दो अलग-अलग दिनों में पाकिस्तान के दो सैनिकों की हत्या की थी। भारतीय जवानों की हत्या के विरोध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते सामान्य नहीं रह गए। (एजेंसी)

First Published: Monday, January 28, 2013, 15:11

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