Last Updated: Thursday, April 12, 2012, 07:24
नई दिल्ली : भारत को निरक्षरता के कारण हर साल 53 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ रहा है। विश्व साक्षरता संगठन की रिपोर्ट ‘निरक्षरता की आर्थिक और सामाजिक लागत’ में यह अनुमान लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि निरक्षरता से भारत को अनुमानत: सालाना 53.56 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है।
चीन को निरक्षरता की वजह से सालाना कहीं अधिक 135.60 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है। रूस 28.48 अरब डॉलर के नुकसान के साथ तीसरे और ब्राजील 27.41 अरब डॉलर के साथ चौथे स्थान पर है। 2011 की जनगणना के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, भारत में सात साल और अधिक की आयु वर्ग में साक्षर लोगों की संख्या 74 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निरक्षर लोगों की आमदनी साक्षर पढ़े-लिखे लोगों से 30 से 42 प्रतिशत तक कम होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में 80 करोड़ लोग पढ़ना-लिखना नहीं जानते हैं। विश्व साक्षरता ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एंड्रयू ने कहा, ‘हमें अशिक्षा को रोग के तौर पर देखना चाहिए और इसे जड़ से खत्म करने की जरूरत है।’
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 12, 2012, 12:54