नीतीश ने 2003 में जमकर की थी मोदी की तारीफ, बीजेपी सामने लेकर आई वीडियो

नीतीश ने 2003 में जमकर की थी मोदी की तारीफ, बीजेपी सामने लेकर आई वीडियो

नीतीश ने 2003 में जमकर की थी मोदी की तारीफ, बीजेपी सामने लेकर आई वीडियोज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्ली : बीजेपी-जेडीयू का 17 वर्ष पुराना गठबंधन अब खत्म हो गया है, पर दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्‍यारोप अब और तेज हो गए हैं। जदयू का बाहर होना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के लिए जोरदार झटका है। गठबंधन टूटने के लिए नीतीश भले ही बीजेपी को जिम्‍मेवार ठहरा रहे हों, पर बीजेपी भी उन्‍हें बख्‍शने के मूड में नहीं है।

बिहार के मुख्‍यमंत्री के लिए परेशानी के सबब के तौर पर बीजेपी सोमवार को एक वीडियो लेकर सामने आई, जिसमें दिखाया गया है कि नीतीश कुमार ने 2002 गुजरात दंगों के बाद नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। दस साल पुराने इस वीडियो टेप में गोधरा दंगों के बाद नीतीश कुमार की तरफ से मोदी सरकार को क्‍लीनचिट देते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो फुटेज में नीतीश को यह कहते सुना जा सकता है कि मोदी भविष्‍य में देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं।

ज्ञात हो कि बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2002 में गोधरा बाद के दंगों की आलोचना नहीं की थी और एनडीए सरकार में बने रहे। 2003 में उन्होंने नरेंद्र मोदी और गुजरात में हुए विकास कार्यों की प्रशंसा की थी और कहा था कि भविष्य में वह राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हालांकि लोजपा के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने 2002 के गुजरात दंगों के बाद एनडीए कैबिनेट छोड़ दिया था।

नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार अभियान समिति का प्रमुख बनाए जाने के बाद भाजपा से संबंध तोड़ लिए जाने से नाराज भाजपा ने नीतीश के कई मौके पर नरेंद्र मोदी की तारीफ करने से जुड़ी सीडी को जनता के बीच दिखाकर उनके दोहरे चरित्र को उजागर करने का निर्णय किया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा कि उनके पास कई ऐसी सीडी है, जिसमें नीतीश ने सार्वजनिक तौर पर नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि उनकी सेवा और नेतृत्व देश के लिए लाभप्रद होगा। उन्होंने कहा कि नीतीश के दोहरे चरित्र को उजागर करने के लिए वे ऐसी सभी सीडी को जनता के बीच दिखाएंगे।

मोदी ने कहा कि वर्ष 2002 के गुजरात दंगे के बाद से लेकर अलग अलग मौकों पर नीतीश ने नरेंद्र मोदी की तारीफ में क्या-क्या कहा है उसे भाजपा कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर सभी चौक-चौराहों पर प्रदर्शित करेगी।

उन्होंने कहा कि गुजरात के कच्छ में 13 दिसंबर 2003 को एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने एक साल पूर्व हुए गुजरात दंगा के महत्व को कम करते हुए नरेंद्र मोदी की तारीफ की और कहा था कि राज्य में बेहतर विकास उस पर हावी हो जाएगा और वह हमेशा के लिए दफन हो जाएगा। इसके बारे में नीतीश के यह कहने पर कि उक्त सरकारी समारोह में उन्होंने प्रोटोकाल के मुताबिक यह किया था, सुशील मोदी ने कहा कि इसी प्रोटोकाल की एक मुख्यमंत्री से भी उम्मीद की जाती है। वर्ष 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में विजयी होने पर नीतीश ने नरेंद्र मोदी को एक बधाई संदेश तक नहीं भेजा।

गौर हो कि साल 1996 में समता पार्टी एनडीए में शामिल हुई थी, जिसके मुख्य नेता नीतीश और जॉर्ज फर्नांडिस थे। समता पार्टी के नेता बाद में जेडीयू में शामिल हो गए थे। एनडीए की सरकार में फर्नांडिस रक्षामंत्री थे, जबकि नीतीश कुमार को रेलवे का प्रभार दिया गया था। रविवार को एनडीए का संयोजक पद छोड़ने वाले शरद यादव को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उड्डयन मंत्रालय का प्रभार दिया गया था। फर्नांडिस तब एनडीए के संयोजक हुआ करते थे और सरकार के नीति नियंताओं में शामिल थे।

गौर हो कि पहले भी ऐसे क्षण आए जब गठबंधन में तनाव हुआ और कई लोगों ने संभावना जताई कि यह टूट सकता है। 2009 में बीजेपी विधायकों ने अपने नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ ही बगावत कर दी थी। उन्होंने आरोप लगाए कि वह काफी विनम्र हैं और हमेशा नीतीश के इशारे पर नाचते हैं। उन्होंने मांग की कि गठबंधन तोड़ दिया जाना चाहिए, लेकिन केंद्रीय नेताओं ने उन्हें मना लिया और मामला शांत हो गया।

गठबंधन जून, 2010 में फिर खतरे में पड़ गया, जब पटना में बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई और स्थानीय अखबारों में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के एक ही मंच पर हाथ मिलाकर खड़े होने के विज्ञापन छपे। नीतीश कुमार तब तक मोदी और हिंदुत्व की उनकी छवि को लेकर आपत्ति जताने लगे थे और नाखुशी जताने के लिए बीजेपी नेताओं का रात्रिभोज रद्द कर दिया था। पटना सम्मेलन में मोदी छाए रहे, जिससे नीतीश और नाराज हो गए। मोदी ने मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के साथ ही एनडीए की सभाओं में भी हमेशा नीतीश से संपर्क के लिए कदम बढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन नीतीश ने हमेशा अनिच्छा वाली मुस्कुराहट से जवाब दिया। जेडीयू-बीजेपी गठबंधन तभी से टूटता दिखाई देने लगा था, जब नीतीश बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से यह स्पष्ट करने को कहने लगे कि क्या नरेंद्र मोदी उनकी तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

First Published: Monday, June 17, 2013, 18:33

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