Last Updated: Monday, May 13, 2013, 21:28

गुवाहाटी : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि देश जिस कठिन दौर से गुजर रहा है उसे देखते हुए नैतिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए सामाजिक क्षेत्र की बेहतरी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में मुश्किल वक्त की बात नहीं कर रहा हूं। यह विशेष तौर पर सामाजिक दृष्टिकोण से है क्योंकि हाल में हुई घटनाओं से देश की संगठित सोच का विकास हुआ है।’
उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक लड़की के साथ हुए वीभत्स बलात्कार ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इसने हमें बैठ कर अपने सामाजिक प्राणी होने की अवधारणा पर सोचने को मजबूर कर दिया।
श्रीमंत शंकरदेव और असम रत्न पुरस्कार प्रदान करने हुए मुखर्जी ने कहा, ‘हमें समाज की बेहतरी में अपनी भूमिका पर विचार करना होगा और यह वक्त इधर-उधर की सोचने का नहीं है यह हमारे नैतिक मापदंडों को तय करने का वक्त है।’
असम और पूरे देश के लिए श्रीमंत शंकरदेव के योगदान पर राष्ट्रपति ने कहा कि वैष्णव संत ने जाति, सम्प्रदाय और धर्म जैसी मानवनिर्मित बाधाओं को समाप्त करने की दिशा में काम किया। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 13, 2013, 21:28