Last Updated: Monday, February 27, 2012, 10:19
नई दिल्ली: नॉर्वे के एक पालन गृह में रखे गए दो भारतीय बच्चों के माता-पिता के परिजन ने राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ मिलकर अपने बच्चों को वापस पाने के मकसद से चार दिवसीय विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। विरोध करने वाले लोगों की मांग है कि नॉर्वे सरकार तुरंत दोनों बच्चों को वापस भारत भेजे।
अभिज्ञान एवं ऐश्वर्या नाम के दोनों बच्चों के नाना-नानी, उनके परिवार के सदस्य, लोक सभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, माकपा सांसद वृंदा करात और भाकपा नेता एनी राजा स्थानीय नॉर्वे दूतावास के सामने धरने पर बठ गए। विरोध-प्रदर्शन में शिरकत कर रहे नेताओं ने बच्चों के परिजनों से एकजुटता प्रदर्शित की और कहा कि वे इस मुद्दे को 12 मार्च से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान भी उठाएंगे।
बच्चों के नाना मनतोष चक्रवर्ती ने कहा ‘हम अपने बच्चों को वापस घर लाना चाहते हैं । हमारी बस एक ही मांग है । आठ मार्च को उनके वीजा की अवधि खत्म हो रही है । उन्हें इससे पहले यहां लाना चाहिए । हम मांग करते हैं कि नॉर्वे सरकार को इस प्रक्रिया में देरी नहीं करनी चाहिए और हमारे बच्चों को जल्दी वापस भेजना चाहिए।’
गौरतलब है कि आठ महीने तक बच्चों के संरक्षण को लेकर चले विवाद के बाद पिछले महीने एक समझौता हुआ था जिसके तहत तीन साल के अभिज्ञान और उसकी एक साल की बहन ऐश्वर्या को कोलकाता में रहने वाले उनके चाचा अरुणाभास को सुपुर्द किया जाना था।
बहरहाल, नॉर्वे की बाल देखभाल सेवा ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह मार्च की शुरुआत में इस बाबत निर्णय करेगा कि क्या बच्चे उनके चाचा को सौंपे जा सकते हैं । तख्तियों पर ‘नॉर्वे-बच्चों को घर भेजो’ जैसे नारों के साथ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन में राजधानी के स्प्रिंगडेल्स स्कूल के बच्चों ने भी हिस्सा लिया। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 27, 2012, 15:52