‘न्यायपालिका कमजोर न हो: सुप्रीम कोर्ट - Zee News हिंदी

‘न्यायपालिका कमजोर न हो: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी इस संस्था को कमजोर करेगी। हालांकि वह भ्रष्टाचार और अपनी कमजोरी के बारे में वास्तविक विचार की अभिव्यक्ति के खिलाफ नहीं है, बशर्ते कि उसका कुछ आधार हो।

 

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि न्यायपालिका अभी तक एक ऐसी संस्था है,जिसने तमाम तरह के दबाव का सामना किया है और यह लोकतंत्र का एक मजबूत स्तंभ बना हुआ है। न्यायालय ने कहा कि आप एक सही रिपोर्ट पेश कर सकते हैं, लेकिन बिना विचारे निराधार कोई विचार नहीं प्रकट कर सकते हैं। कल, कोई भी व्यक्ति अदालत में खड़ा हो सकता है और न्यायपालिका पर टिप्पणी कर सकता है।

 

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि इससे उसकी छवि प्रभावित होगी। वह कमजोर हो जाएगी। इस न्यायपालिका ने सभी तरह के दबावों का सामना किया है। यह एक ऐसा स्तंभ है, जिसे मजबूत रहना होगा। न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर, न्यायमूर्ति सीरीयक जोसेफ और एचएल दत्तु की सदस्यता वाली एक पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण की एक अर्जी पर सुनवाई चार जनवरी तक टालते हुए यह टिप्पणी की।

 

भूषण ने अपनी अर्जी में संविधान पीठ से इस मुद्दे पर व्यवस्था मांगी थी कि भ्रष्टाचार पर वास्तविक विचार को न्यायपालिका अवमानना के तौर पर लेगी या नहीं? गौरतलब है भूषण एक पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में न्यायमूर्ति एसएच कपाडिया और न्यापालिका के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर अवमानना कार्यवाही का सामना कर रहे हैं।

(एजेंसी)

First Published: Thursday, December 8, 2011, 23:22

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