Last Updated: Sunday, June 23, 2013, 14:28
नयी दिल्ली : देश में मैला ढोने वालों एवं सफाई कर्मियों के उत्थान और विकास के लिए स्थापित राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग ने अनूसूचित जाति आयोग की तर्ज पर न्यायिक शक्ति दिए जाने तथा खुद को स्थायी बनाने की मांग की है।
आयोग की अध्यक्ष कमला गुर्जर ने कहा, ‘देश में सफाई कर्मचारियों और मैला ढोनों वालों के अधिकारों एवं हितों का मुद्दा बहुत गंभीर है। कई बार चाहकर भी हम इनके हितों के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा पाते क्योंकि हमारे पास शक्तियां नहीं हैं। हम किसी मामले में संबंधित व्यक्ति को आयोग के समक्ष तलब भी नहीं कर सकते।’
उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की तरह हमें भी न्यायिक शक्ति दी जाए ताकि हम लाखों-करोड़ों सफाई कर्मियों के हितों की रक्षा और उनके विकास में अपना सहयोग सुनिश्चित कर सकें। हमने हाल ही में अपनी वार्षिक रिपोर्ट के जरिए यह मांग सरकार के समक्ष रखी है। उम्मीद है कि इस पर अमल होगा।’
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का गठन साल 1993 में एक अधिनियम के जरिए किया गया, लेकिन साल 2004 में इसका स्थायी अस्तित्व खत्म करके इसे अस्थायी बना दिया गया। अब हर तीन साल के लिए इसका कार्यकाल बढ़ाया जाता है। इसी साल फरवरी में केंद्र सरकार ने मार्च, 2016 तक के लिए इसका कार्यकाल बढ़ाया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 23, 2013, 14:28