Last Updated: Monday, November 14, 2011, 04:59
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने परमाणु संयंत्र की स्थापना पर रोक लगाने के मामले में याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे पहले प्रधानमंत्री अथवा परमाणु ऊर्जा विभाग के समक्ष फरियाद करें। मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाडिया की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज, सेंटर फॉर पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन को यह निर्देश दिया।
हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर याचिकाकर्ताओं को किसी खास परमाणु परियोजना की स्थापना को लेकर कोई आपत्ति है तो वे संबंधित राज्य के हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
याचिकाकर्ताओं में पूर्व मंत्रिमंडल सचिव टीएसआर सुब्रह्मण्यम सहित 12 पूर्व नौकरशाह एवं पूर्व नौसेना अध्यक्ष एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास भी शामिल हैं। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से देश में तब तक नए परमाणु संयंत्र नहीं लगाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है जब तक सुरक्षा उपायों और संयंत्र लगाने से होने वाले प्रत्यक्ष एवं परोक्ष फायदों की समीक्षा न कर ली जाए। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई अगले शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।
याचिका में कहा गया है कि विदेशी ताकतों और परमाणु ऊर्जा उद्योग के दबाव में सरकार अव्यावहरिक, खर्चीले और खतरनाक परमाणु संयंत्र लगाने की तैयारी कर रही है जबकि इसके लिए आवश्यक सुरक्षा जायजा नहीं लिया गया है। याचिकाकर्ताओं की दलील है कि भारत का औद्योगिक सुरक्षा का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 14, 2011, 16:02