Last Updated: Thursday, December 29, 2011, 17:10
नई दिल्ली : पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार को लेकर वैश्विक चिंता के बीच भारत ने उससे दो टूक कहा है कि वह अपने परमाणु सिद्धांतों की घोषणा करे और फिजाइल मैटेरियल कट-ऑफ ट्रिटी (एफएमसीटी) को अंतिम रूप देने में वैश्विक समुदाय के साथ जुड़े।
इस्लामाबाद में इस सप्ताह की शुरुआत में विश्वास बहाली के उपायों पर विशेषज्ञ स्तर की वार्ता के दौरान नई दिल्ली ने परमाणु सुरक्षा एवं परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर द्विपक्षीय सहयोग का पाकिस्तान का प्रस्ताव विनम्रतापूर्वक ठुकरा दिया। नई दिल्ली ने स्पष्ट कहा कि इससे पहले दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की जरूरत है।
वार्ता में भारत की ओर से विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (नि:शस्त्रीकरण) वेंकटेश वर्मा और पाकिस्तान की ओर से विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव मुनवर सईद भट्टी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडलों ने हिस्सा लिया।
सूत्रों के अनुसार, वार्ता में भारत ने परमाणु सुरक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ कई स्तरों पर सहयोग का जिक्र किया और कहा कि नई दिल्ली इस्लामाबाद के साथ भी आईएईए की संरचना में सहयोग कर सकता है।
पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार पर चिंता जताते हुए नई दिल्ली ने इस्लामाबाद से यह भी कहा कि वह अपने सिद्धांत की घोषणा करे, जिसमें परमाणु सम्पदाओं पर नियंत्रण आदि का भी उल्लेख हो। पाकिस्तान की मौजूदा परमाणु नीति को नई दिल्ली ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंताजनक करार दिया।
भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि वह एफएमसीटी को अंतिम रूप देने के लिए वैश्विक प्रयासों में अपना योगदान दे। इससे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली में भी मदद मिलेगी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 29, 2011, 23:11