पर्यावरणीय जांच के दायरे में बिजली इकाइयां

पर्यावरणीय जांच के दायरे में बिजली इकाइयां

नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण चिंताओं के चलते सिंगरौली और सोनभद्र जिलों में नयी बिजली परियोजनाओं के खिलाफ दायर एक याचिका पर केंद्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के साथ ही एस्सार व हिंडाल्को समेत विभिन्न उद्योगों से जवाब मांगा है।

एनजीटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र, राज्य सरकारों व कई उद्योगों को नोटिस जारी कर 7 अक्तूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है। जिन उद्योगों को नोटिस जारी किया गया है उनमें रिलायंस पावर की सासन अल्ट्रा मेगा पावर लिमिटेड भी शामिल है।

उच्चतम न्यायालय के वकील अश्वनी कुमार दूबे द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोयला खनन व ताप बिजली घरों से उत्सर्जन के चलते प्रदूषण फैल रहा है एवं गंभीर बीमारियां फैल रही हैं। याचिका में किसी नयी परियोजना को मंजूरी देने या मौजूदा इकाइयों के विस्तार का विरोध किया गया है।

दूबे ने याचिका में माहन कोल लिमिटेड द्वारा पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से आवश्यक वन मंजूरी लिए बगैर कथित तौर पर पेड़ गिराने के मुद्दे पर भी चिंता जताई है। माहन कोल लिमिटेड एस्सार पावर एवं हिंडाल्को इंडस्ट्रीज का संयुक्त उद्यम है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, September 18, 2013, 17:17

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