Last Updated: Thursday, March 15, 2012, 12:52
मुंबई : कई बार तय तिथियों पर आने में विफल रहने के बाद पाकिस्तानी न्यायिक आयोग 26 नवम्बर को हुए मुम्बई आतंकवादी हमले के संबंध में चार महत्वपूर्ण व्यक्तियों के बयान दर्ज करने के लिए गुरुवार यहां पहुंचा।
आयोग को जिन व्यक्तियों के बयान दर्ज करने हैं उनमें मुम्बई आतंकवादी हमले में एकमात्र जीवित बचे आतंकवादी अजमल कसाब का बयान दर्ज करने वाले मजिस्ट्रेट भी शामिल हैं।
इन चार गवाहों के बयानों का इस्तेमाल लश्करे तैयबा कमांडर जकीउर रहमान लखवी और छह अन्य संदिग्धों के खिलाफ हमला मामले में पाकिस्तान में चल रहे मुकदमे में साक्ष्य के रूप में किया जाएगा।
आठ सदस्यीय आयोग दोपहर में यहां स्थित घरेलू हवाई अड्डे पर एयर इंडिया के विमान से कड़ी सुरक्षा के बीच उतरा। आयोग गवाहों के बयान 16 और 17 मार्च को दर्ज करेगा। आयोग के पहुंचने से पहले दक्षिण मुम्बई स्थित एस्प्लेनेड अदालत ने कसाब का इकबालिया बयान दर्ज करने वाले मजिस्ट्रेट आर वी सावंत वाघुले और मामले में जांच अधिकारी अपराध शाखा के अधिकारी रमेश महाले को सम्मन जारी किया।
इसके साथ ही दो चिकित्सकों जे जे अस्पताल के मेडिकल अधिकारी (फोरेंसिक विभाग) गणेश नितुकर और राजकीय अस्पताल के शैलेश मोहित को भी सम्मन जारी करके बयान दर्ज कराने के लिए अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। इन लोगों ने ही हमले में मारे गए नौ आतंकवादियों और पीड़ितों का पोस्टमार्टम किया था जो 72 घंटे तक चला था और जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी और गई अन्य घायल हो गए थे।
आयोग में बचाव पक्ष के वकील ख्वाजा हारिस, रियाज अकरम चौधरी, फखर हयात, राजा एहसान उल्हाखान और इसाम बिन हारिस, विशेष लोक अभियोजक चौधरी मोहम्मद अजहर और चौधरी अली तथा अदालत अधिकारी अजाद खान शामिल हैं।
मुकदमे की सुनवायी में विशेष लोक अभियोजक रहे उज्वल निकम पाकिस्तानी आयोग द्वारा भारतीय अधिकारी की पूछताछ के दौरान मौजूद रहेंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 15, 2012, 18:22