Last Updated: Wednesday, April 11, 2012, 13:29
अजमेर : जेल में 14 माह से ज्यादा वक्त बिताने के बाद 80 वर्षीय बीमार पाकिस्तानी वैज्ञानिक मोहम्मद खलील चिश्ती को बुधवार को अजमेर जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया। वह दो दशक पुराने हत्या के मामले में जेल में बंद थे । चिश्ती ने कहा कि वह जल्द ही अपने देश लौटना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से सोमवार को जमानत मिलने के बाद चिश्ती ने कहा कि मैं जेल से बाहर आकर खुश हूं। मैं अल्लाह में विश्वास करता हूं और उनको धन्यवाद देता हूं। मुझे पाकिस्तान में अपने परिवार के सदस्यों से यथाशीघ्र मिलने की तमन्ना है।
अजमेर केंद्रीय कारागार से बाहर आने पर उनके भाई जमील चिश्ती और रिश्तेदार अयाद अनवारुल हक सहित अन्य लोगों ने उनका शानदार स्वागत किया। अंग्रेजी में बात करते हुए चिश्ती ने कहा कि मैं राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मेरे लिए प्रयास किया और अजमेर का दौरा किया। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के भारत दौरे के समय दोनों देशों के अधिकारियों के बीच चर्चा के एक दिन बाद चिश्ती को मानवीय आधार पर जमानत दे दी गई।
भारत और पाकिस्तान के सामाजिक कार्यकर्ता चिश्ती की रिहाई की मांग करते रहे हैं। फास्ट ट्रैक अदालत में एक लाख रुपये का निजी मुचलका भरने और 50 हजार रुपये की दो जमानत राशि भरने के बाद उनके भाई जेल गए जहां औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। सफेद पठानी सूट और टोपी पहने एवं हाथ में ‘बीड़ी’ लिए हुए चिश्ती ने कहा कि वह घर जाने को बेताब हैं।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 11, 2012, 20:29