Last Updated: Saturday, August 31, 2013, 20:20

नई दिल्ली : गिरफ्तार किये गये इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल का आका पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई में काम करने वाला पाक सेना का एक लेफ्टिनेंट कर्नल था जो उसे निर्देश देता था।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यासीन ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि पाकिस्तानी सेना का अफसर फोन और ईमेल पर उसके साथ लगातार संपर्क में रहता था और उसे निर्देश देता था तथा किये गये काम का हाल जानता था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अधिकारी हवाला रास्ते से यासीन को रकम भी भेजता था और उसे इंडियन मुजाहिदीन में और अधिक भारतीय नौजवानों को भर्ती करने के लिए प्रोत्साहित करता था।
यासीन ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह भारत में आईएम का प्रमुख नहीं है और केवल अपने पाकिस्तानी आका और अपने बॉस के निर्देशों का पालन करता था।
पूछताछ के दौरान अधिकारियों को लगा कि यासीन भारत में और नेपाल में आईएम के सदस्यों को बचाना चाहता है और उनके बारे में तथा उनके ठिकानों के बारे में कोई बात नहीं कबूल कर रहा।
आधुनिक समय के आतंकवाद के चेहरे के तौर पर देखे जा रहे यासीन का असली नाम मोहम्मद अहमद जरार सिद्दीबाबा है।
30 साल के यासीन ने कहा कि उसे माली तौर पर कभी कोई दिक्कत नहीं हुई क्योंकि पाकिस्तान के उसके आका अकसर उसे पैसा भेजते थे और इसमें से कुछ वह अपने परिवार को भेज देता था।
सूत्रों ने बताया कि यासीन के पास से जब्त किये गये लैपटॉप और मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। दोनों उपकरणों से कई सुराग मिलने की संभावना है। यासीन भटकल के पास से एक फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस और एक मतदाता पहचान पत्र भी मिला है।
अधिकारियों ने पता लगाया है कि यासीन कर्नाटक और अन्य जगहों पर अपने रिश्तेदारों को खत लिखता था और फोन करता था। यासीन करीब 40 आतंकवादी मामलों में वांछित है और उस पर 35 लाख रुपये का इनाम घोषित था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 31, 2013, 20:20