पीएम का इस्तीफे से इंकार, कहा- अध्यादेश पर राहुल से बात करूंगा- Will try to find out why it had to be done that way: PM on Rahul Gandhi's outburst

पीएम का इस्तीफे से इंकार, कहा- अध्यादेश पर राहुल से बात करूंगा

पीएम का इस्तीफे से इंकार, कहा- अध्यादेश पर राहुल से बात करूंगाप्रधानमंत्री के विशेष विमान से : तमाम आलोचनाओं से अविचलित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दागी जन प्रतिनिधियों को संरक्षण प्रदान करने वाले अध्यादेश के मामले पर राहुल गांधी द्वारा उनकी सरकार को खरी खरी सुनाए जाने के मद्देनजर इस्तीफा देने की संभावना से इंकार कर दिया।

सिंह ने संकेत दिया कि सरकार अध्यादेश पर फिर से विचार कर सकती है, जब उन्होंने कहा कि वह राहुल के साथ इस मामले पर विचार करेंगे। राहुल इस अध्यादेश की वापसी चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘किसी के जहन को बदलना हमेशा मुमकिन होता है।’ प्रधानमंत्री के इस्तीफा देने से इंकार करने का यह मसला विपक्षी पार्टियों के तानों और उलाहनों के बाद उठा है। अध्यादेश के मामले पर सरकार पर हमलावर रूख अपनाते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि अध्यादेश पूरी तरह बकवास है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए, जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने इसे प्रधानमंत्री का अपमान, उनके अधिकार को चुनौती देना बताया था, वह भी तब जब वह विदेश यात्रा पर थे।

हालांकि प्रधानमंत्री ने दोहराया कि वह आसानी से परेशान नहीं होते और कहा कि वह इस बात का कारण ढूंढने की कोशिश करेंगे कि राहुल गांधी ने सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी क्यों की और अगर की तो ‘इस तरह क्यों की।’ उन्होंने कहा, ‘लोग जो कहते हैं मैं उसे रोक नहीं सकता। यह हुआ है और जैसा मैंने कहा कि मैं जब वापस जाउंगा तो यह पता लगाने का प्रयास करूंगा कि इस तरह से ऐसा क्यों हुआ और हम इससे कैसे निपटें।’

सिंह ने कहा कि अध्यादेश को लेकर सबसे उंचे स्तर पर चर्चा की गई थी। कैबिनेट ने दो बार और कांग्रेस कोर ग्रुप ने भी चर्चा की। उन्होंने अपने पहले के बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘मैंने कहा था कि मैं इन सभी मुद्दों को अपने कैबिनेट के सहयोगियों के समक्ष रखूंगा। ऐसे मामलों पर सबसे उंचे स्तर की संस्था में चर्चा की जाती है। कैबिनेट ने एक बार नहीं, बल्कि दो बार इस पर चर्चा की थी।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं उतार-चढ़ाव का आदी हो चका हूं।’’ अध्यादेश से संबंधित विवाद के बारे में पत्रकारों द्वारा सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं इतना जल्दी परेशान नहीं होता।’ राहुल गांधी ने बीते 27 सितम्बर को इस अध्यादेश को बकवास करार दिया था।

सिंह ने कहा, ‘मैंने श्री राहुल गांधी का बयान देखा है। उन्होंने इस मामले पर मुझे लिखा भी था और मैं यह कहना चाहता हूं कि लोकतंत्र में मुद्दे उठाए जाते हैं तो यह समझने का प्रयास करना सही होता है कि संबंधित लोगों के दिमाग में क्या है।’ उन्होंने कहा, ‘जब मैं स्वदेश पहुंचूंगा तो इन मामलों पर श्री राहुल गांधी के साथ चर्चा करूंगा। उन्होंने मेरे साथ मुलाकात के लिए कहा है और मैं अपने कैबिनेट के साथियों को भी विश्वास में लूंगा। हम देखेंगे कि हवा का रूख किस तरफ होता है।’ (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 1, 2013, 20:53

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