Last Updated: Monday, June 24, 2013, 23:05

श्रीनगर : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जम्मू-कश्मीर दौरे की पूर्व संध्या पर किए गए एक दुस्साहसिक हमले में हिज्बुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादियों ने सोमवार को शहर के बाहरी इलाके में थलसेना के काफिले को निशाना बनाया जिसमें थलसेना के आठ जवान शहीद हो गए जबकि 19 अन्य जख्मी हो गए।
पिछले तीन दिनों में यह दूसरा और इस साल का अब तक का सबसे जानलेवा हमला है। हमले के बाबत दावा किया गया है कि इसे पाकिस्तान समर्थक हिज्बुल मुजाहिदीन ने अंजाम दिया है पर सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि यह प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तोएबा की करतूत है।
हमले के मद्देनजर राज्य भर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। खुफिया सूचनाओं में बताया गया है कि वीवीआईपी दौरे के दौरान आतंकी ऐसे और हमलों को अंजाम दे सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, पीर पंजाल और जबरवान पर्वत श्रेणियों की तकनीकी निगरानी के लिए मानवरहित विमान भी तैनात किए गए हैं। दरअसल, ऐसी सूचना मिली थी कि रॉकेटों से लैस आतंकवादियों ने इन पहाड़ियों में अपने अड्डे बना लिए हैं।
आज का हमला शाम 4.35 बजे उत्तर कश्मीर की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंथचौक-परीमपोरा के बीच स्थित क्लासिक अस्पताल के पास हुआ। हमले के वक्त 35 राष्ट्रीय राइफल्स का काफिला बडगाम स्थित अपने बेस कैंप जा रहा था। चश्मदीदों के मुताबिक, एके राइफलों से लैस आतंकवादियों ने आगे और पीछे से काफिले पर हमला किया। तीन आतंकवादियों ने इस हमले को अंजाम दिया जिसमें आठ जवान शहीद हो गए जबकि 19 अन्य जख्मी हुए। थलसेना के मुताबिक, तीन जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
बघात इलाके में दो छात्रों से एक मोटरसाइकिल छीन लेने वाले आतंकियों को गिरफ्त में लेने के लिए जब थलसेना ने इलाके की घेराबंदी शुरू की तो वे इसी दोपहिये से भाग खड़े हुए। भागते वक्त आतंकवादियों को बरजुला इलाके में पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त नाके पर रोका गया। इस पर उन्होंने एक ग्रेनेड फेंक दिया और गोलियां चलानी शुरू कर दी जिससे सीआरपीएफ के एक सब-इंस्पेक्टर और एक पुलिसकर्मी के अलावा एक आम महिला जख्मी हो गई। आतंकी फिर काले रंग की एक सांत्रो कार पर सवार होकर भागने में कामयाब रहे। हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सुरक्षा बलों से कार की तलाश करने को कहा गया है।
आतंकियों की ओर से इस्तेमाल में लाई गई कार का पता लगाने के लिए थलसेना ने हेलीकॉप्टर भी तैनात किए हैं। जिन छात्रों की बाइक छीनी गई थी उन्होंने पुलिस को बताया कि आतंकी एके-47 राइफलों से लैस थे और ऐसी उर्दू जुबान में बात कर रहे थे जो अमूमन कश्मीर में नहीं बोली जाती। हिज्बुल मुजाहिदीन ने थलसेना के काफिले पर हमले की जिम्मेदारी ली है। बलिगुद्दीन नाम के एक शख्स ने एक स्थानीय समाचार एजेंसी को फोन कर खुद को हिज्बुल मुजाहिदीन का प्रवक्ता बताया और दावा किया कि उसके संगठन ने कई दस्ते बनाए हैं और भविष्य में भी शहर में ऐसे हमले किए जाते रहेंगे।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसे हमले उन सुरक्षा बलों के मनोबल को नहीं तोड़ने वाले जिन्होंने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ पहले बड़ी कामयाबी पाई है। उमर ने कहा कि ऐसे हाई-प्रोफाइल हमलों का मकसद आतंकवादियों के गिरे हुए मनोबल को फिर से ऊपर उठाना और सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ना है। गौरतलब है कि यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब दो दिन पहले ही हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने श्रीनगर शहर के बीचोंबीच दो पुलिसकर्मियों को गोलियों से भून दिया था।
प्रधानमंत्री के मंगलवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय दौरे के मद्देनजर सुरक्षा इंतजाम चाक-चौबंद किए जाने के दावों के बीच घाटी में यह हमला हुआ है। दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों ने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यक्रम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ प्रधानमंत्री कल जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर जाने वाले हैं। अपने दौरे के दौरान वह सीमा से सटे राज्य के जिलों के लिए पैकेज का ऐलान करेंगे। सिंह और गांधी कश्मीर में काजीगुंड तथा जम्मू क्षेत्र के बनिहाल के बीच एक रेलखंड पर ट्रेन सेवा की भी शुरुआत करेंगे। इस ट्रेन सेवा से किसी भी मौसम में घाटी तक जाया जा सकेगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 24, 2013, 17:42