पीएम, चिदंबरम को बतौर गवाह बुलाने पर गतिरोध

पीएम, चिदंबरम को बतौर गवाह बुलाने पर गतिरोध


नई दिल्ली : 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर जेपीसी बैठकों का कार्यक्रम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ-साथ पूर्ववर्ती राजग काल के मंत्रियों को गवाह के तौर पर बुलाने के मुद्दे पर गतिरोध के कारण खतरे में पड़ गया है। जहां भाजपा के सदस्य सिंह और चिदंबरम को बुलाने के लिए दबाव डाल रहे हैं वहीं कांग्रेस इस कदम का यह कहते हुए विरोध कर रही है कि पहले भाजपा नीत राजग के शासनकाल में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा और जसवंत सिंह को बुलाया जाना चाहिए।

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस रिपोर्ट को तैयार करने में विलंब को रोकने के लिए नेताओं को बुलाने के खिलाफ है। हालांकि, उनका जोर है कि अगर सिन्हा और जसवंत सिंह गवाह के तौर पर उपस्थित होते हैं तो वे सदस्य के तौर पर जेपीसी की चर्चाओं में हिस्सा नहीं ले सकते और जब रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा तो वे फैसले को दबा नहीं सकते।

सिन्हा और सिंह राजग के कार्यकाल में वित्त मंत्री थे। जहां जसवंत सिंह साल 2003 में दूरसंचार नीतियों पर जीओएम के अध्यक्ष थे वहीं सिन्हा इस जीओएम के सदस्य भी थे। गतिरोध के कारण जेपीसी की बैठक 31 जुलाई के बाद नहीं हुई है। जेपीसी की आम तौर पर साप्ताहिक आधार पर बैठक होती है।

सूत्रों ने बताया कि पिछले साल मार्च में गठित जेपीसी की बैठक सात अगस्त को होनी थी लेकिन गवाहों को बुलाने के मुद्दे पर मतभेद के कारण अंतिम समय में स्थगित कर दी गई। इस हफ्ते भी समिति की बैठक होने की संभावना नहीं है। (एजेंसी)

First Published: Monday, August 13, 2012, 23:32

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