Last Updated: Wednesday, September 21, 2011, 08:30
ज़ी न्यूज़ ब्यूरो नागपुर : संघ के मुख्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत से मुलाकात के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि उन्हें जीवन में संघ, जनसंघ, बीजेपी, कार्यकर्ताओं और देश से जितना कुछ मिला है, वह प्रधानमंत्री जैसे पद से कहीं ज़्यादा है. आडवाणी ने यह बात उस सवाल के जवाब में कही जिसमें उनसे 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल होने की बात पूछी गई थी. जानकार इन बयानों से यह नतीजा निकाल रहे हैं कि आडवाणी ने खुद को प्रधानमंत्री पद की होड़ से बाहर कर लिया है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी का हालचाल पूछने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए आडवाणी ने कहा कि मैं रथयात्रा शुरु करने से पहले मोहन भागवत से आशीर्वाद लेने आया था. आडवाणी ने रथयात्रा के कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 24 सितंबर को भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी दिल्ली आकर रथयात्रा का कार्यक्रम घोषित करेंगे. आडवाणी ने यह भी बताया कि उनकी यात्रा 35 से 40 दिनों में पूरी हो जाएगी और वो चाहेंगे की रथयात्रा लोकसभा के शीतकालीन सत्र से पहले समाप्त हो जाए.
आडवाणी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मेरा उद्देश्य रहा कि सरकार गुड गवर्नेंस और क्लीन पॉलिटिक्स के आधार पर चले. यदि क्लीन पॉलिटिक्स के नजरिए से सोचा जाए तो 2008 में हुआ नोट के बदले वोट घोटाला भारत के इतिहास में सबसे शर्मनाक घोटाला है. लेकिन यदि हम गुड गवर्नेंस की बात करें तो इस समय तो कोई सरकार ही नहीं है. पहली बार ऐसा हुआ है जब कई मंत्री न सिर्फ हटाए गए बल्कि जेल भी भेजे गए.'
आडवाणी ने कहा कि पूरी दुनिया भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को बचाती है. हमने अपने देश में ऐसा करने वाले को जेल भेज दिया. देश अच्छा होगा और महान होगा यदि गुड गवर्नेंस और क्लीन पॉलिटिक्स को लेकर पार्टियां चलेंगी. मेरी यात्रा का उद्देश्य इन्हीं दो बातों को बढ़ावा देना है.
First Published: Wednesday, September 21, 2011, 16:49