Last Updated: Wednesday, June 20, 2012, 20:40
नई दिल्ली/नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत के बयान को जायज ठहराते हुए संगठन के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि इस विचार को दैनिक राजनीतिक घटनाक्रमों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। भागवत ने कहा था हिंदुत्व को आगे बढ़ाने वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनना चाहिए।
आरएसएस के प्रवक्ता राम माधव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हमने हमेशा माना है कि हिंदुत्व एक उदार, सबको अपनाने वाला और धर्मनिरपेक्ष विचार है। यह आरएसएस का वैचारिक आधार है। राम माधव ने कहा कि इसे गैरधर्मनिरपेक्ष या संकीर्ण मानसिकता का बताना सही नहीं है। हिंदुत्व वास्तव में धर्मनिरपेक्षता का एक सच्चा पर्याय है। यह हमारा वैचारिक रुख है, जिसे हम एक लम्बे समय से सामने रखते आ रहे हैं और सर संघचालक ने इसी रुख को दोहराया है।
राम माधव ने कहा कि स्वयंसेवकों के सामने व्यक्त किए गए इस विचार को देश में दैनिक राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़ना पूरी तरह अनुचित है। यह अनावश्यक और अनुचित है। इसके पहले मोहन भागवत ने संवाददाताओं से कहा था, "हिंदुत्व विचारधारा को जिंदा रखने के लिए, हिंदू समाज को एकजुट होना चाहिए। देश का प्रधानमंत्री ऐसा होना चाहिए जो हिंदुत्व में विश्वास रखता हो। भागवत का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि राजग का प्रधानमंत्री उम्मीदवार धर्मनिरपेक्ष और उदार होना चाहिए।
भागवत ने नीतीश पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह खुद को हिंदू कहने से डरते हैं। भागवत ने उनके यह तय करने के अधिकार पर भी सवाल उठाया कि किस तरह का व्यक्ति एक अच्छा प्रधानमंत्री होगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 20, 2012, 20:40