Last Updated: Wednesday, February 13, 2013, 18:37
नई दिल्ली : केन्द्रीय जांच ब्यूरो के एक वकील द्वारा 2जी मामले के एक आरोपी के साथ कथित रूप से कानूनी रणनीति साझा करने के परिप्रेक्ष्य में संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के सदस्यों ने आज सीबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया।
सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा जब पीएसी के समक्ष पेश हुए तो अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी सहित पीएसी के कुछ सदस्यों ने सीबीआई के वकील ए के सिंह और यूनीटेक के प्रबंध निदेशक आरोपी संजय चंद्रा के बीच हुई बातचीत को कथित रूप से टेप किये जाने का मुद्दा उठाया।
समझा जाता है कि सदस्यों ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से 2जी मामले की जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। इससे सीबीआई की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं।
पीएसी के एजेंडा में आज 2जी नहीं था लेकिन सदस्यों ने सिन्हा के समक्ष सवाल उठा दिया। 2जी पर पीएसी का विवादास्पद मसौदा अभी भी लंबित है क्योंकि कांग्रेस सदस्यों ने इसका विरोध किया है और इसी वजह से इसे संसद में पेश नहीं किया जा सका है।
बताया जाता है कि सिन्हा ने कहा कि सीबीआई ने प्रथम दृष्टया साक्ष्यों के आधार पर मामले से अपने वकील (सिंह) को हटा लिया है। सीबीआई के अधिकारी पीएसी के समक्ष राष्ट्रमंडल खेल घोटाले और कोयला ब्लाक आवंटन मामले को लेकर अपनी जांच का ब्यौरा देने के लिए पेश हुए थे।
सदस्यों ने जब पूछा कि सीबीआई जांच कौशल को मजबूत करने की क्या योजना बना रही है, सीबीआई प्रमुख ने संभवत: कहा कि एजेंसी ने आधुनिकीकरण के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजे हैं। कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया कि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई को स्वतंत्र संगठन के रूप में उभरना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 13, 2013, 18:37