पृथक जांच कैडर बनाएं राज्‍य: चिदंबरम - Zee News हिंदी

पृथक जांच कैडर बनाएं राज्‍य: चिदंबरम



नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि राज्यों को पृथक जांच कैडर बनाना चाहिए ताकि आपराधिक मामलों का तेजी से निपटारा संभव हो। उन्होंने कहा कि पृथक अभियोजन कैडर की भी आवश्यकता है। चिदंबरम ने अपने मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक में यह प्रस्ताव रखा।

 

उन्होंने कहा कि भारत के विधि आयोग से आग्रह किया गया है कि इस संबंध में आवश्यक संशोधनों पर अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपे। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय से जुडी संसद की स्थायी समिति ने अपराध प्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक 2010 पर विचार करते समय अपनी 146वीं रिपोर्ट में सिफारिश की है कि आपराधिक न्यायिक प्रणाली की व्यापक समीक्षा होनी चाहिए। समिति ने यह भी कहा है कि देश में आपराधिक न्यायिक प्रणाली को नए सिरे से तैयार करने के लिए विधेयक का मसौदा पेश किया जाना चाहिए।

 

गृह मंत्री ने कहा कि उसके बाद कानून मंत्रालय से आग्रह किया गया कि वह विधि आयोग से इस सिफारिश के परिप्रेक्ष्य में समीक्षा को कहे और आयोग आपराधिक कानून के सभी पहलुओं पर व्यापक रिपोर्ट सौंपे ताकि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), साक्ष्य कानून जैसे विभिन्न कानूनों में व्यापक संशोधन किये जा सकें। चिदंबरम ने कहा कि जांच अब प्रौद्योगिकी आधारित साक्ष्य के दौर में पहुंच चुकी है। अन्य देशों द्वारा भी फोरेंसिक के नए तौर तरीके अपनाए जा रहे हैं। हमें भी ऐसा ही करने की आवश्यकता है।

 

चिदंबरम ने कहा कि आपराधिक न्यायिक प्रणाली में सुधार सुझाने के लिए कर्नाटक एवं केरल उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी मलिमथ की अध्यक्षता में गठित समिति ने आपराधिक न्यायिक प्रणाली को दुरूस्त करने के बारे में विचार कर जांच, अभियोजन और मुकदमे की कार्यवाही सहित विभिन्न पहलुओं पर अपनी सिफारिशें दीं थीं। आपराधिक कानून एवं आपराधिक प्रक्रिया चूंकि संविधान की सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची में हैं इसलिए इनमें किसी भी तरह के संशोधन के लिए राज्य सरकारों से सलाह मशविरे की आवश्यकता होगी।

 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों और संघशासित क्षेत्रों की टिप्पणियां जानने के लिए उन्हें यह रिपोर्ट भेज दी गई है। गृह मंत्री ने कहा कि विधि आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में सिफारिश की है कि कानून-व्यवस्था कायम करने वाली पुलिस से जांच एजेंसी को अलग किया जाना चाहिए। रिपोर्ट में जांच की गुणवत्ता सुधारने के सुझाव भी शामिल हैं।

 

सलाहकार समिति के कुछ सदस्यों ने कुछ मामलों में पुलिस द्वारा प्राथमिकी नहीं दर्ज किए जाने कर मुददा उठाया, जिस पर चिदंबरम ने उन्हें सूचित किया कि दिल्ली में संवेदनशील मामलों को छोडकर बाकी सभी प्राथमिकी वेबसाइट पर होती हैं। सदस्यों ने जांच और अभियोजन कार्य के लिए पृथक कैडर बनाए जाने की मांग उठाई।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, February 28, 2012, 19:07

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