Last Updated: Friday, November 4, 2011, 14:05
नई दिल्ली : भाजपा ने दावा किया कि संप्रग के बीते साढ़े सात वर्ष के शासन के दौरान देश में पेट्रोल के दामों में 24 दफा इजाफा किया गया। मुख्य विपक्षी दल ने सरकार से सवाल किया कि वह तेल कंपनियों द्वारा इस बार पेट्रोल के दामों में इजाफा करने का औचित्य बताए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘कल मध्यरात्रि से पेट्रोल के दामों का 1.82 रुपए प्रति लीटर बढ़ना आधी रात के संहार की तरह है। देश की जनता पहले से ही 12.21 फीसदी की मुद्रास्फीति का सामना कर रही है। ऐसे में पेट्रोल के दामों का बढ़ना जनता पर दोहरी मार की तरह है।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार जनता को इस बार हुई बढ़ोत्तरी का औचित्य बताए। रुपए के अवमूल्यन के कारण और तेल कंपनियों की कम आमदनी को घाटा बताकर पेट्रोल के दाम बढ़ाना पूरी तरह अनुचित है।’
सिन्हा ने दावा किया कि संप्रग के बीते साढ़े सात वर्ष के शासन में पेट्रोल के दामों में 24 दफा इजाफा किया गया है। जब राजग की सरकार थी तो पेट्रोल के दाम प्रति लीटर 33.71 रुपए थे। साढ़े सात वर्ष बाद यह बढ़कर दिल्ली में 68.65 रुपए प्रति लीटर हो गए। इस तरह इसमें 35 रुपए का इजाफा हुआ। मई 2009 में संप्रग-2 की सरकार बनने के बाद पेट्रोल के दामों में 24 रुपए का इजाफा हुआ है।
सिन्हा ने दावा किया कि भारतीय मुद्रा में गणना करें तो अमेरिका में इस वक्त पेट्रोल 42.82 रुपए, पाकिस्तान में 41.81 रुपए, श्रीलंका में 50.30 रुपए और बांग्लादेश में 44.80 रुपए प्रति लीटर है। इसके ये मायने हैं कि भारत की जनता को ही इसका सर्वाधिक भार उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न करों को हटा दें तो दिल्ली में पेट्रोल की वास्तविक कीमत 23.37 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी।
पेट्रोल के दाम बढ़ने में सरकार की कोई भूमिका नहीं होने संबंधी योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के बयान पर सिन्हा ने कहा, ‘अगर ऐसा है तो फिर तेल कंपनियां चुनाव नजदीक होने पर पेट्रोल के दाम क्यों नहीं बढ़ातीं। संप्रग सरकार की रजामंदी के बिना तेल कंपनियां पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ा सकतीं। सरकार करों में कटौती क्यों नहीं करना चाहती। वह क्यों आम आदमी पर बोझ लादती जा रही है।’
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 4, 2011, 19:51