Last Updated: Saturday, January 12, 2013, 09:33

नई दिल्ली : चुनावों के दौरान पेड न्यूज के अनैतिक कार्य का संज्ञान लेते हुए भारतीय प्रेस परिषद् के एक पैनल ने सुझाव दिया है कि पेड न्यूज पर दिशानिर्देशों को संशोधित किया जाये जिसमें पेड न्यूज को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाये। पैनल ने अगले आम चुनावों से पहले पूरे मुद्दे पर गौर करने का सुझाव दिया है और साथ ही इसका उल्लंघन करने वाले प्रकाशनों के खिलाफ ‘स्वत: संज्ञान’ लेने की मांग की है।
भारतीय प्रेस परिषद् के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने गुजरात चुनावों में पेड न्यूज की घटनाओं के लिए इससे पहले चार सदस्यीय चुनाव कवरेज निगरानी समिति का गठन किया था। परिषद् के सदस्य राजीव रंजन नाग इसके संयोजक थे।
पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘समिति का विचार है कि पीसीआई को पहल करनी चाहिए और गुजरात चुनाव में पेड न्यूज पर अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद पेड न्यूज के संदिग्ध मामलों में संलग्न प्रकाशनों के खिलाफ स्वत: संज्ञान नोटिस जारी किया जाना चाहिए ।’’ समिति ने कहा कि कई राज्यों में विधानसभा चुनावों और 2014 के आम चुनावों के मद्देनजर पेड न्यूज के मुद्दे पर फिर से गौर करने की जरूरत है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हों।
पैनल ने कहा कि प्रेस परिषद् को पहल करनी चाहिए और पुनरीक्षित दिशानिर्देश तैयार करना चाहिए। नाग के अलावा टीम में शामिल अन्य सदस्य हैं नीरज बाजपेई, संदीप सोनकर, कल्याण बरूआ और स्थानीय पत्रकार डॉ. अमरेन्द्र झा। समिति ने सुझाव दिया कि चुनाव आयोग जिस तरीके से चुनाव पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करता है, उसी तरह मीडिया पर्यवेक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए जिसमें चुनाव वाले राज्य के बाहर के वरिष्ठ पत्रकार शामिल हों। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 12, 2013, 09:33