Last Updated: Tuesday, July 3, 2012, 19:11

नई दिल्ली: प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति पद की राह में रोड़ा अटकाने के विपक्ष समर्थित उम्मीदवार पीए संगमा के प्रयास मंगलवार विफल हो गए । निर्वाचन अधिकारी ने संगमा की आपत्तियों को खारिज करते हुए मुखर्जी के नामांकन पत्र को स्वीकार कर लिया । अब 19 जुलाई को होने वाले देश के इस शीर्ष पद के चुनाव में मुखर्जी और संगमा के बीच सीधा मुकाबला होगा ।
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी और राज्यसभा के महासचिव वी के अग्निहोत्री ने नामांकन पत्रों की जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘नामांकन पत्रों की जांच के बाद प्रणब मुखर्जी और पीए संगमा के नामांकन पत्र सभी तरह से वैध पाये गये । उनके नामांकन पत्र सभी जरूरी अपेक्षायें पूरी करते हैं ।’
अग्निहोत्री ने यह बताने से इंकार कर दिया कि आखिर किस आधार पर उन्होंने मुखर्जी की उम्मीदवारी के खिलाफ दाखिल आपत्तियों को खारिज किया । उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में बताने के लिए पहले चुनाव आयोग से पूछना होगा कि क्या वे इन जानकारियों को सार्वजनिक कर सकते हैं ।
संगमा का दावा था कि मुखर्जी के नामांकन को रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि वे अभी भी लाभ के पद पर आसीन हैं । संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल ने हालांकि संवाददाताओं से कहा कि अग्निहोत्री ने इस तथ्य को स्वीकार कर लिया है कि प्रणव ने भारतीय संख्यिीकी संस्थान के अध्यक्ष के पद से राष्ट्रपति पद के चुनाव का नामांकन भरने से करीब एक सप्ताह पहले 20 जून को ही इस्तीफा दे दिया था । (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 3, 2012, 19:11