Last Updated: Wednesday, December 21, 2011, 14:37

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के 'अनुकरणीय जनहित कार्यो' की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की सफलता मुखर्जी की 'संकटमोचक कुशलता' एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के 'प्रेरक नेतृत्व' की ऋणी है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि हमारी राजनीति में आज ऐसे बहुत कम लोग हैं जो मुखर्जी के लंबे और अनुकरणीय जनहित कार्यो की बराबरी कर सकते हैं। वे सभी जो मुखर्जी को जानते हैं, वे उनके व्यापक ज्ञान, विलक्षण स्मृति और लगातार कठिन परिश्रम की क्षमता से परिचित हैं।
प्रधानमंत्री ने मुखर्जी को के. करुणाकरन फाउंडेशन के पहले भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रशासक सम्मान से सम्मानित किया। मुखर्जी को सम्मानित करने के बाद वह लोगों को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिवंगत के. करुणाकरन के सम्मान में इस अवार्ड की शुरुआत की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि संप्रग का सफलतापूर्वक प्रबंधन संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रेरक नेतृत्व और प्रणबजी की संकटमोचक कुशलताओं का काफी हद तक ऋणी है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार चलाने में प्रणबजी मेरे सबसे मूल्यवान साथी रहे हैं। हमारी सरकार के सभी महत्वपूर्ण फैसलों पर हम दोनों ने गंभीरता से परामर्श किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रभावी तरीके से कामकाज करने और उसे एकजुट रखने में मदद के लिए मुखर्जी ने जो कुछ किया है, मैं उसके लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद देता हूं।
मुखर्जी की प्रशंसा के दौरान प्रधानमंत्री ने कुछ मजाकिया अंदाज में कहा कि हमारी राजनीति में कुछ ही ऐसे लोग हैं जो उनके लंबे एवं अनुकरणीय जनहित कार्यो की बराबरी कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कम लोग ही जानते हैं कि मुखर्जी इतिहास, कला एवं संस्कृति में रुचि रखने वाले एक उत्साही पाठक हैं और बंगाली मिठाइयां उनकी कमजोरी हैं। मनमोहन सिंह ने इस मौके पर केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता करुणाकरन की भी प्रशंसा की।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 21, 2011, 22:07