संगमा का समर्थन कर सकती है बीजेपी

प्रणब नहीं, संगमा का समर्थन कर सकती है बीजेपी

प्रणब नहीं, संगमा का समर्थन कर सकती है बीजेपीज़ी न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर नया मोड़ आता दिख रहा है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी फिलहाल यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने के पक्ष में नहीं है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीएम संगमा का समर्थन कर सकती है। चूंकि बीजेपी दादा की दावेदारी को समर्थन देने की ज्‍यादा इच्‍छुक नहीं है।

हालांकि आज हुई बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक के बाद वरिष्ठ् भाजपा नेता अनंत कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अंतिम निर्णय रविवार को एनडीए की बैठक में लिया जाएगा।

इस बीच, सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान संगमा ने भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से फोन पर बातचीत की और कोर ग्रुप की बैठक में संगमा की उम्मीदवारी पर भी चर्चा हुई।

सूत्रों ने बताया कि भाजपा के एक शीर्ष नेता राष्ट्रपति चुनाव को लेकर संगमा की उम्मीदवारी पर ममता से बात करेंगे। साथ ही संगमा को भी ममता से बात करने के लिए कहा गया है।

गौर हो कि राष्ट्रूपति चुनाव पर चर्चा के लिए एनडीए की बैठक रविवार को होगी। इस बैठक में राष्ट्रूपति पद के उम्मीवदवार पर आखिरी फैसला होने की उम्मीद है।

इससे पहले, राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस की अगुवाई वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी के पक्ष में अंकगणित होने के बावजूद भाजपा नीत विपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) कुछ राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर इस राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार उतार सकता है। राजग के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने यहां जब राष्ट्रपति चुनाव के बारे में संवाददाताओं से बातचीत की तब उन्होंने इसका संकेत दिया कि मुझे लोकतंत्र में मुकाबले में कुछ भी गलत नजर नहीं आता। राजग का एक बहुत बड़ा वर्ग विधानसभा और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों से महज कुछ महीने पहले राष्ट्रपति चुनाव में संप्रग के साथ नहीं खड़ा दिखना चाहता है।

आडवाणी ने सरकार के साथ उपराष्ट्रपति पद को लेकर एक दूसरे का समर्थन करने की संभावना से भी इनकार किया। माना जाता है कि भाजपा नेता जसवंत सिंह उपराष्ट्रपति पद के लिए इच्छुक हैं। आडवाणी ने कहा कि हमने शुरू में ही इस संभावना से इनकार कर दिया। सुषमा स्वराज ने दो महीने पहले बयान भी दिया था। ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस और भाजपा एक हाथ से दो और दूसरे हाथ से लो की नीति अपना सकती है और राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के लिए सहमति बना सकती हैं। इस पर सुषमा ने ‘ना’ कहा था।

मुखर्जी की उम्मीदवारी की पृष्ठभूमि में राजग के लिए फिलहाल सबसे बड़ी चिंता है कि उनके खिलाफ किसे चुनाव मैदान में उतारा जाए। माना जाता है कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जब वह जीत को लेकर आश्वस्त हो जाएंगे तभी मैदान में उतरेंगे। तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा था लेकिन सपा के इस प्रस्ताव से हट जाने के बाद इस बात की कोई संभावना नहीं है कि कलाम विपक्षी उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव लड़ें। अब राजग की ओर से एनसीपी नेता पीए संगमा को समर्थन की बात को बल मिल रहा है। संगमा के नाम का प्रस्ताव अन्नाद्रमुक और बीजद ने किया था।

आडवाणी ने कहा कि यदि हमें देखना है कि संगमा जीतें तो उसके लिए काफी कुछ करना होगा। उनकी उम्मीदवारी को केवल दो मुख्यमंत्रियों के समर्थन से यह बात दूर तक नहीं जाएगी। आडवाणी ने कहा कि राजग और अन्नाद्रमुक एवं बीजद जैसे गैर कांग्रेसी दलों को इस मुद्दे पर तालमेल बनाना चाहिए और संयुक्त रणनीति तैयार करनी चाहिए। भाजपा भले ही अधूरे मन से ही संघर्ष के लिए तैयार है लेकिन उसकी कुछ सहयोगी दल पसोपेश में हैं। खासकर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) महसूस करता है कि मुखर्जी जैसी हस्ती को संप्रग की ओर से चुनाव मैदान में उतारे जाने के बाद अब ज्यादा कुछ नहीं बचा है।

हालांकि जदयू नेता और राजग संयोजक शरद यादव ने कहा कि राजग की बैठक के बाद फैसला किया जाएगा जो शीघ्र होगी। जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यादव, आडवाणी, स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली को फोन कर उनका समर्थन मांगा तब उन्होंने अपनी ओर से कोई वादा नहीं किया और कहा कि वे राजग की बैठक के बाद अंतिम दृष्टिकोण तय करेंगे। सूत्रों ने कहा कि आडवाणी ने तो प्रधानमंत्री से यहां तक कहा कि यदि उन्होंने मुखर्जी को उम्मीदवार घोषित करने से पहले राजग का समर्थन मांगने के लिए यह फोन किया होता तब यह ज्यादा अच्छा होता। अब यह ऐसा जान पड़ता है कि वह बस हमें सूचित कर रहे हैं। पार्टी नेताओं ने कहा कि उन्हें अपनी अंतिम रणनीति तय करने की जल्दबाजी नहीं है। एक शीर्ष पार्टी नेता ने कहा कि हम अंतिम निर्णय लेने से पहले अन्य विपक्षी दलों से बातचीत करेंगे और उनकी राय मांगेंगे।

बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता अनंत कुमार ने कहा कि आज की बैठक में आडवाणी, सुषमा स्वहराज, गडकरी, समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे और कई मसलों पर चर्चा हुई। उन्होंनने कहा कि रविवार को 11 बजे आडवाणी के आवास पर एनडीए की बैठक होगी, जिसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा। हालांकि आज की बैठक में अरुण जेटली और राजनाथ सिंह इस बैठक में उपस्थित नहीं थे।

उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री और अकाली दल नेता प्रकाश सिंह बादल ने आज कहा कि उनकी पार्टी आगामी राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में राजग की ओर से लिये गये किसी भी फैसले का पालन करेगी।

First Published: Saturday, June 16, 2012, 21:27

comments powered by Disqus