Last Updated: Thursday, September 22, 2011, 04:17
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली: वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पीएमओ ऑफिस को भेजे गए अपने नोट से पैदा हुए विवाद पर कुछ भी बोलने से इनकार किया है. इस नोट में प्रणब मुखर्जी ने पी चिदंबरम की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. इस विवाद के तूल पकड़ने के बाद वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला अभी अदालत में है इसलिए वो इस पर कुछ नहीं बोलेंगे.
न्यूयॉर्क में फिक्की के एक कायर्क्रम में पहुंचे प्रणब ने एक सवाल के जवाब में चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए सूचना के अधिकार जैसा हथियार सौंपा है. इसी का नतीजा है कि उनके मंत्रालय की ओर से पीएमओ को भेजी गई चिट्ठी आज सबके सामने है.
25 मार्च 2011 को पीएमओ को भेजे गए वित्त मंत्रालय के एक अफसर के नोट के सामने आने से पी चिदंबरम आरोपों के घेरे में आ गए हैं. 14 पन्नों के इस नोट में जेल में बंद पूर्व टेलिकाम मंत्री ए राजा के फैसलों के बारे में बताया गया है और कहा गया है कि चिदंबरम इन फैसलों को रोक सकते थे.
नोट में लिखा है कि 2-जी के बारे में फैसले राजा के अपने नहीं हैं चिदंबरम और राजा ने मिलकर लिए थे और वित्त मंत्री की हैसियत से अगर चिदंबरम जोर देते तो नीलामी हो सकती थी. इस नोट को सुब्रह्ण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में फाइल किया है.
First Published: Thursday, September 22, 2011, 09:50