Last Updated: Sunday, January 8, 2012, 14:34
जयपुर : प्रतिष्ठित दसवें प्रवासी भारतीय दिवस के दूसरे दिन रविवार को यहां अव्यवस्था का माहौल रहा क्योंकि कई प्रतिनिधि बैठने के स्थान की तलाश में इधर से उधर घूमते रहे।
समारोह के उद्घाटन समारोह स्थल बिड़ला प्रेक्षागृह स्थित मुख्य सभागार कार्यक्रम शुरू होने के आधे घंटे पहले ही आधा भर गया था। यहीं पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को अपना उद्घाटन संबोधन दिया। बाद में आने वालों को बालकनी में जाने को कहा गया।
सभागार की की क्षमता करीब 1400 है और वहां करीब 1900 प्रतिनिधि थे जो इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये थे। नाराज प्रवासियों की पुलिसकर्मियों और उन स्वयंसेवकों के साथ बहस हुई जो कि सभागार में व्यवस्था संभाल रहे थे। स्थान की कमी को लेकर आयोजकों की आलोचना हुई।
ऐसी भी जानकारी मिली कि मुख्य अतिथि त्रिनिदाद एवं टोबैको की प्रधानमंत्री के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे क्रिकेटर ब्रायन लारा को कुछ देर के बाद प्रेक्षागृह में ले जाया गया क्योंकि अंदर कोई स्थान नहीं था। कुछ देर बाद बालकनी भी भर गई और प्रतिनिधियों के बैठने के लिए भी स्थान नहीं बचा। इसके चलते कुछ प्रेक्षागृह में जमीन पर बैठने के लिए स्थान देखना पड़ा। कार्यक्रम के मेजबान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी यह अपने अभिभाषण में स्वीकार किया।
गहलोत ने कहा, मुझे इस बात की जानकारी है कि सभागार में सीमित स्थान है जिससे कुछ प्रतिनिधियों को परेशानी हो रही है। मैं भरोसा दिलाता हूं कि हम भविष्य में इस तरह के आयोजन और बड़े स्थान पर आयोजित करेंगे। प्रतिनिधियों सहित कई लोग प्रथम तल पर सीढ़ियों पर खड़े रहे जिससे आयोजकों को घोषणा करनी पड़ी कि जब तक सभी लोग अपना स्थान ग्रहण नहीं कर लेते एसपीजी प्रधानमंत्री को मंच पर नहीं आने देगी क्योंकि यह सुरक्षा का मामला है।
इसके बाद कई लोगों को बालकनी से स्थान तलाशने के लिए निचली मंजिल की ओर दौड़ना पड़ा। पत्रकारों के लिए स्थिति कोई बेहतर नहीं थी क्योंकि उन्हें भी पूरे सत्र के दौरान सभागार में पीछे की ओर बैठना पड़ा।
मलेशिया के एक प्रतिनिधि ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, मैं कार्यक्रम स्थल पर सुबह आठ बजकर 40 मिनट पर आ गया था। मुझे बालकनी में जाने को कहा गया लेकिन मुझे वहां भी स्थान नहीं मिला। मैं इधर उधर दौड़ता रहा और मुझे अंतत: सीढ़ियों पर बैठकर वक्ताओं को सुनना पड़ा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 8, 2012, 20:09