Last Updated: Tuesday, January 31, 2012, 15:02
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही बेरहमी की शिकार दो साल की बच्ची फलक की हालत लगातार नाजुक बनी हुई है। मस्तिष्क और फेफड़े का संक्रमण दूर करने के लिए उसे एंटीबायोटिक दवाएं दी जा रही हैं। चिकित्सकों का कहना है कि अगले 24 घंटे यानी गुरुवार तक के पल उसकी जिंदगी के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इस बीच दिल्ली पुलिस इस परित्यक्त बच्ची से जुड़ी घटनाओं को जोड़ने तथा मुख्य अभियुक्त राजकुमार गुप्ता को तलाशने में जुटी है। पुलिस का कहना है कि सोमवार को कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिससे वह मामले के खुलासे के करीब पहुंच गई है।
एम्स ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख एम.सी. मिश्रा ने कहा, बच्ची फलक की हालत लगातार नाजुक बनी हुई है। हालत में कोई खास बदलाव नहीं आया है। संक्रमण भारी चिंता का विषय है।
बच्ची को लगातार वेंटिलेटर का सहारा दिया जा रहा है, क्योंकि चिकित्सकों ने महसूस किया है कि अगले दो दिन यह निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि उसे वेंटिलेटर से हटाया जा सकता है या नहीं।
मिश्रा ने कहा, हम उसे स्पेक्ट्रम के जरिये एंटीबायोटिक दवाएं दे रहे हैं जो मददगार साबित होंगी। मस्तिष्क से निकाले गए फ्लूड की कल्चर रिपोर्ट आने का इंतजार है। इस बच्ची की जिंदगी के लिए अगले 72 घंटे से लेकर पांच दिन यानी रविवार तक का समय अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इससे पहले एक चिकित्सक ने कहा था कि बच्ची के बचने की संभावना 50 फीसदी से भी कम है।
सोमवार को फलक के मस्तिष्क का दूसरा आपरेशन हुआ था। उसके फेफड़े और मस्तिष्क में संक्रमण है।
ट्रॉमा सेंटर में न्यूरोलॉजी के सहायक प्रोफेसर दीपक अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, हम बच्ची की हालत पर नजर रखे हुए हैं।
वहीं एम्स में न्यूरोलॉजी के सहायक प्रोफेसर सुमित सिन्हा ने कहा, वह आंखें खोलती है, फिर बंद कर लेती है। हम भाग्यशाली हैं कि उसका तंत्रिका तंत्र काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, यदि एंटीबायोटिक का असर 24 से 48 घंटे के भीतर दिखाई नहीं देगा, तब हम सोचेंगे कि आगे क्या करना है।
उधर, पुलिस का कहना है कि उसकी पहली प्राथमिकता मुख्य अभियुक्त राजकुमार गुप्ता उर्फ दिलशाद को पकड़ना और बच्चे के माता-पिता का पता लगाना है। समझा जाता है कि राजकुमार मुम्बई में है पुलिस की एक टीम वहां उसकी तलाश में जुटी है।
ज्ञात हो 15 वर्षीय एक किशोरी ने बच्ची को 18 जनवरी को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था। किशोरी को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।
पुलिस उपायुक्त छाया शर्मा के मुताबिक राजकुमार ने वह बच्ची किशोरी को सौंपी थी। राजकुमार को जिस महिला से यह बच्ची प्राप्त हुई थी, उसकी पहचान लक्ष्मी के रूप में की गई है।
उन्होंने बताया है कि चार बच्चों की मां मुन्नी नामक महिला फलक को लक्ष्मी के घर छोड़ गई थी, जहां से राजकुमार पिछले वर्ष सितम्बर में फलक को ले गया था। संदेह है कि मानसिक रूप से परेशान किशोरी ने तंग आकर बच्ची की बेरहमी से पिटाई की और हालत बिगड़ने पर उसे लेकर अस्पताल आई थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 31, 2012, 23:40