Last Updated: Monday, February 11, 2013, 21:06
नई दिल्ली : संसद पर आतंकी हमला में दोषी करार दिये गए अफजल गुरू को फांसी देने पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला की नाराजगी के बीच केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि सतर्क और जिम्मेदार रहने की जरूरत थी क्योंकि ऐसे मामलों में सूक्ष्म पड़ताल होती है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, ‘‘ सभी व्यक्ति और नेता अपने अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। हम उन्हें ध्यान से सुनते हैं। हालांकि यह याद रखना जरूरी है कि दुर्लभतम मामलों में ही फांसी की सजा दी जाती है और सभी मामले विशिष्ट तथ्यों एवं परिस्थितियों पर आधारित होते हैं।’’
तिवारी ने कहा, ‘‘ ऐसा कभी नहीं होता कि सभी के लिए एक ही आधार हों और जब ऐसे मामलों से निपटते हैं तब कभी भी सामान्य रूप से कुछ नहीं किया जाता है जो ऐसे संवेदनशील हों और जिसके कानूनी.न्यायिक एवं संवैधानिक प्रभाव हों।’’ सूचना एवं प्रसारण मंत्री से जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान के बारे में पूछा गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि अब जवाबदेही न्यायपालिका और राजनीतिक नेतृत्व पर यह दिखाने का है कि यह फांसी का चुनिंदा मामला नहीं था।
तिवारी ने कहा, ‘‘ इसलिए हम कहना चाहते हैं कि फांसी की सजा के मामले में सतर्क रहने और जिम्मेदार बनने की जरूरत है। यह समझने की जरूरत है कि ऐसे मामलों में सूक्ष्म जांच पड़ताल होती है।’’ (एजेंसी)
First Published: Monday, February 11, 2013, 21:06