फार्मूला-वन के आयोजन को हरी झंडी - Zee News हिंदी

फार्मूला-वन के आयोजन को हरी झंडी



दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कुछ शर्तो के साथ ग्रेटर नोएडा में फार्मूला वन रेस के आयोजन का रास्ता साफ कर दिया है। हालांकि आयोजकों को टिकटों की बिक्री का 25 प्रतिशत एक अलग खाते में जमा करना होगा जो न्यायालय की अनुमति के बिना इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।

 

न्यायमूर्ति डी के जैन और ए आर दवे ने अंतरिम आदेश में निर्देश दिए कि फार्मूला वन रेस के आयोजकों को कर में मिली छूट को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतिम फैसले के बाद ही इस रकम के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

 

न्यायालय ने आयोजकों की यह दलील खारिज कर दी कि इस निर्देश से फार्मूला वन रेस के प्रचार पर विपरीत असर पड़ेगा क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय आयोजन है। खंडपीठ ने कहा कि इससे नकारात्मक प्रचार कैसे हो सकता है, यह समझ से परे है। उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वह एफ-वन रेस की वैधता पर उंगली नहीं उठा रहा, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उसे मनोरंजन कर में दी गई छूट की वैधता की जांच कर रहा है।

 

वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि कर छूट पर सवाल उठाने से आयोजन के प्रचार पर विपरीत असर पड़ेगा। इससे रेस के आयोजन पर भी प्रभाव पड़ सकता है। न्यायालय ने राज्य सरकार और आयोजकों पर कर छूट को लेकर कई सवाल दागे। उप्र सरकार की ओर से पूर्व सोलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि यह आयोजन राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई विशेष विकास क्षेत्र परियोजना का हिस्सा है जिसके तहत औद्योगिक, रिहायशी और खेल सुविधाओं का विकास किया जाएगा। पीठ ने कहा कि वह इस बात को लेकर चिंतित है कि विशेष विकास क्षेत्र का लक्ष्य क्या है और क्या यह आम आदमी, मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग की जरूरतों को पूरा करता है या अमीर वर्ग की।

 

बंबई का उदाहरण देते हुए खंडपीठ ने कहा कि वहां कई झुग्गी झोपड़ियां आर्थिक विकास क्षेत्र का हिस्सा हैं। वहां कहा जा सकता है कि क्रिकेट या फुटबाल स्टेडियम बनाया जाएगा। लेकिन खेल के नाम पर मोटर रेस आयोजित नहीं की जा सकती।

 

न्यायालय ने कहा, ‘विशेष विकास क्षेत्र विशिष्ट वर्ग की जरूरतों के लिए होता है। खेल की परिभाषा उस परिप्रेक्ष्य में ध्यान में रखकर तय की जानी चाहिए।’ (एजेंसी)

First Published: Saturday, October 22, 2011, 08:33

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