Last Updated: Friday, July 27, 2012, 19:15
नई दिल्ली : पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या के 37 साल पुराने मामले में दिल्ली की एक अदालत में आज उस समय एक नई अड़चन पैदा हो गई जब बचाव पक्ष ने इस प्रकरण का पूरा रिकार्ड मुहैया नहीं कराने की बात की ओर ध्यान दिलाते हुए अंतिम दलीलें शुरू करने से इंकार कर दिया। आरोपियों के वकील ने मामले में अंतिम दलीलें शुरू करने से यह कहकर इंकार कर दिया कि उन्हें अदालत द्वारा मामले में दर्ज किए गए बयानों की प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।
बचाव पक्ष के वकीलों ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद गोयल के समक्ष यह भी कहा कि 1975 के मिश्रा हत्याकांड में मुकदमा खारिज करने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई है।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में इस मुकदमे में अंतिम दलीलों पर सुनवाई 31 जुलाई के बाद शुरू की जाए। मामले के आरोपी रंजन द्विवेदी (65) को आज अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी गई थी। तीन अन्य आरोपी संतोषानंद अवधूत, सुदेवानंद अवधूत और गोपालजी अदालत में पेश हुए।
मिश्रा 3 जनवरी 1975 को बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर हुए बम विस्फोट में मारे गए थे। उस समय द्विवेदी 24 साल के थे। उन्हें तीन आनंदमार्गी सदस्यों के साथ आरोपी बनाया गया था। इनमें से एक आरोपी आनंदमार्गी सदस्य की मौत हो चुकी है। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 27, 2012, 19:15